- अधिकांश बड़े नेता गायब दिख रहे हैं-पूर्व पदाधिकारियों ने भी दूरी बना रखी है-नई टीम को नहीं मिल रहा वरिष्ठों का सहयोग
उज्जैन। कांग्रेस के प्रभारी शिव कुमार उज्जैन आए तथा महाकाल दर्शन किए। इस दौरान कांगे्रसियों की अनुशासनहीनता भी दिखी। जिसकी चर्चा बनी हुई है। कई पार्टी के वरिष्ठ नेता भाजपा में जा चुके हैं, ऐसे में उज्जैन में खींचतान साफ दिख रही है। राहुल गांधी भले ही भारत जोडऩे की बात कहें, लेकिन उन्हें पहले कांग्रेस को एक करना होगा। कांग्रेस की भीड़ और नारेबाजी की संस्कृति कभी जाने वाली नहीं है। इसी चक्कर में वरिष्ठ नेताओं के विवाद तक हो जाते हैं। ऐसा ही गत दिवस हुआ, जब डीके शिवकुमार के उज्जैन आगमन पर स्थानीय नेताओं ने उन्हें ही सबकुछ समझ लिया और उनके सामने नारेबाजी कर धक्का-मुक्की तक कर डाली। बाद में शिवकुमार ने वरिष्ठ नेताओं के सामने नाराजगी भी जाहिर की। कर्नाटक में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा विपक्ष में होने के बावजूद अनुशासित तरीके से निकली और इसका श्रेय राहुल गांधी ने वहां के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को दिया। इसके बाद शिवकुमार महाकाल दर्शन करने और यात्रा के अनुभव सुनाने उज्जैन पहुंचे, लेकिन यहां ऐसा प्रचारित किया गया कि शिवकुमार ही राहुल गांधी की यात्रा के सर्वेसर्वा हैं और उनके सामने अगर हमने शक्ति प्रदर्शन किया या फिर इंदौर की ताकत दिखाई तो वे खुश होंगे, लेकिन कुछ युवा नेताओं की नारेबाजी और शक्ति प्रदर्शन ही उलटा पड़ गया।
इंदौर मे स्वागत और नारेबाजी से आहत शिवकुमार वरिष्ठ नेताओं के सामने नाराजगी जाहिर कर ही रहे थे कि उज्जैन में भी वही हुआ। यहां वे सभा का स्थान देखने गए थे, लेकिन वहां का दशहरा मैदान छोटा था। उन्होंने कहा कि सभा में 50 हजार से अधिक लोगों की क्षमता होना चाहिए। कुछ उज्जैनी नेता उनसे अपनी बात मनवाने की कोशिश भी करते रहे, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कहा कि मैं तो यहां अपने अनुभव साझा करने आया हूं। राहुल गांधी की टीम ही सबकुछ फाइनल करेगी। विदित है कि यात्रा के मद्देनजर तीन बार राहुल गांधी की टीम के सदस्य उज्जैन आ चुके हैं। यात्रा को प्रदेश में प्रवेश करने में 5 दिन शेष हैं, बावजूद इसके अभी तक रूट फाइनल नहीं हुआ है। Share: