आचंलिक

एक वोट से कांग्रेस की नीतू देवेंद्र रघुवंशी बनीं अध्यक्ष, गोविंद गुर्जर बने उपाध्यक्ष

गंजबासौदा। संपन्न हुए निकाय चुनाव के बाद जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर 13 साल बाद कांग्रेस ने सेंध लगा कर गांव की सरकार से अपना वनवास समाप्त कर लिया है ।जीत का आंकड़ा होने के बाद भी अनजान चेहरे पर दांव लगाने वाली भाजपा की बाजी पलट गई । अनजान चेहरे पर दाव लगाने के कारण भा जा पा एक वोट से बाजी हार गई। सूत्रों के अनुसार 1 वोट के लिए हुई सौदेबाजी में कांग्रेस ने सेंध लगा दी राजनीतिक के चाणक्यों ने पहले ही अपने दाव फिट कर लिए थे। आखिर उस पर भाजपा ने ही मोहर लगा दी। भाजपा के जनाधार वाले नेताओं को किनारा कर अनजान चेहरे पर दाव लगाना और सौदेबाजी पार्टी नेताओं के लिए गले की हड्डी बन गया। कांग्रेस ने बहुमत ना होने पर भी भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी करते हुए जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी छीन ली। भाजपा को वनवास देते हुए कांग्रेस 13 साल के लंबे अंतराल के बाद अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने में कामयाब हुई है। जनपद में अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की उम्मीदवार नीतू देवेंद्र सिंह रघुवंशी दिप्पू ने भाजपा द्वारा अधिकृत की गईं मीना रामकृष्ण रघुवंशी को 1 वोट से और कांग्रेस समर्थित गोविंद सिंह गुर्जर ने 15 वोट से मात देकर कर उपाध्यक्ष की कुर्सी भाजपा से छीन ली। उपाध्यक्ष के लिए भाजपा समर्थित प्रत्याशी अमित कुर्मी को मात्र 9 वोट ही मिले। जबकि भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी देवेंद्र सिंह रघुवंशी देबू की पत्नी जनपद सदस्य रीना रघुवंशी उपाध्यक्ष के लिए वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहीं। जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अप्रत्याशित जीत को लेकर कांग्रेस खेमे में जबरदस्त उत्साह और जश्न का माहौल है।
अभी हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतर्गत बुधवार को जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया जनपद पंचायत कार्यालय में अपनाई गई। दोपहर 11 बजे अध्यक्ष पद के लिए प्रारंभ हुई निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार श्रीमती नीतू देवेंद्र सिंह रघुवंशी दिप्पू ने अपना नामांकन जमा किया जबकि भाजपा द्वारा समर्थित श्रीमती मीना रामकृष्ण रघुवंशी ने अपना नामांकन दाखिल किया। अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र जमा होने के बाद कांग्रेस भाजपा समर्थित जनपद सदस्य एकजुट होकर अपने अपने पार्टी नेताओं के साथ मतदान के लिए पहुंचे। वोटिंग के बाद दोपहर 1 बजे कांग्रेस समर्थित नीतू देवेंद्र सिंह रघुवंशी दिप्पू के एक वोट से जीतने की खबर बाहर आई तो जनपद पंचायत कार्यालय के सामने एकत्रित उनके हजारों समर्थकों का हुजूम खुशी से झूम उठा। जनपद कार्यालय के सामने हजारों की संख्या में नई नई भगवा तोलिया डालें लोग परिणाम आने के बाद तोलिया हटाकर कांग्रेस के जश्न में शामिल हो गए जिसको लेकर यह नजारा देख रहे लोग कई तरह की चर्चा करते नजर आए।


विधायक, जिला अध्यक्ष एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष ने संभाला मोर्चा
जनपद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए क्षेत्रीय विधायक लीना संजय जैन टप्पू, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ राकेश सिंह जादौन और कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष निशंक जैन और पूर्व जनपद अध्यक्ष प्रहलाद सिंह रघुवंशी अपने अपने समर्थित जनपद सदस्यों के साथ मोर्चा संभाले हुए थे। बरेठ रोड पर वरिष्ठ भाजपा नेता गोविंद पटेल के निवास पर सभी जनपद सदस्य और भाजपा पदाधिकारी एकत्रित हुए जहां से भाजपा समर्थित 15 जनपद सदस्य एकजुट होकर मतदान के लिए पहुंचे। पुरुष जनपद सदस्यों के गले में भगवा तौलिया थी। कांग्रेस समर्थित 10 जनपद सदस्य पूर्व जनपद अध्यक्ष प्रहलाद सिंह रघुवंशी के निवास पर एकत्रित हुए जहां से वह सीधे जनपद कार्यालय में बने मतदान केंद्र पहुंचे। मतदान और परिणाम घोषणा तक विधायक लीना जैन, जिला भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह जादौन, पूर्व विधायक एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष निशंक जैन एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष प्रहलाद सिंह रघुवंशी जनपद परिसर के अंदर हर गतिविधि पर नजर बनाए रखें रहे और जैसे ही कांग्रेस के पक्ष में परिणाम की झलक मिलते ही भाजपा जिला अध्यक्ष ने बिना देरी किए विधायक लीना जैन को परिसर से बाहर निकलने का संकेत किया। जबकि कांग्रेस जिला अध्यक्ष और पूर्व जनपद अध्यक्ष ने परिणाम का इंतजार कर रहे हजारों समर्थकों को विक्ट्री बताकर जीत का संकेत दिया।

कांग्रेस के चर्चित चेहरे और साइलेंट मैनेजमेंट के आगे फेल हुई भाजपा
जनपद अध्यक्ष के लिए 13 का आंकड़ा जरूरी था। बासौदा जनपद पंचायत में 25 सदस्य निर्वाचित होकर आए थे जिनमें से पांच से छह जनपद सदस्य किसी न किसी पद पर भाजपा के पदाधिकारी हैं और बाकी 6 से 7 सदस्य भाजपा की विचारधारा से थे। इसलिए भाजपा शुरू से ही यह मान कर चल रही थी कि वह बिना किसी परेशानी के अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बना लेगी। इधर कांग्रेस परिणाम आने के बाद ही 7 जनपद सदस्यों की किलेबंदी कर तीर्थांटन पर ले गई। जिताऊ आंकड़े पर पहुंचने के लिए कांग्रेस ने पूर्व विधायक एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष निशंक जैन एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष प्रहलाद सिंह रघुवंशी ने साइलेंट मैनेजमेंट के जरिए भाजपा में अध्यक्ष को लेकर चल रही अंर्तकलह को अपने पक्ष में करने के लिए हर तरह के प्रयास किए जिसमें वह सफल हुई। अध्यक्ष के लिए भाजपा से तीन दावेदारों के नाम राजनीतिक गलियारों में चर्चा में थे जबकि कांग्रेस से एकमात्र उम्मीदवार दिप्पू रघुवंशी का नाम था। जो कि क्षेत्रीय राजनीति में एक चर्चित राजनीति परिवार से ताल्लुक रखने के साथ-साथ हमेशा अपनों की मदद करने में सबसे आगे रहने वालों में नाम था। इधर भाजपा में अध्यक्ष को लेकर हुई सौदेबाजी की चर्चा चौक चौराहों पर चटखारों के साथ सुनाई जा रही थीं इसलिए भाजपा ने दावेदारों के बीच सामंजस्य बनाने और नामों की घोषणा करने में देरी की। देर रात भाजपा की ओर से मीना रामकृष्ण रघुवंशी को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया जो कि भाजपा की राजनीति के लिए अनजान चेहरा होने के साथ-साथ भाजपा समर्थित सदस्यों के बीच सामंजस्य बनाने में नाकाम साबित हुआ। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि यदि पार्टी जमीनी कार्यकर्ताओं और जनाधार वाले नेताओं का नाम आगे करती तो शायद दोनों सीटें भाजपा की झोली में होतीं।

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