सिरोही। शहर में एक ऐसी शर्मसार (Shamed) करने वाली घटना हुई जिसने न केवल रिश्तों बल्कि मानव संवेदनाओं को भी झकझोर दिया. आबूरोड इलाके में एक वृद्ध महिला की मौत हो गई. हालांकि वृद्धा की मौत कोरोना वायरस(Corona Virus) से नहीं हुई फिर भी उसके बेटे ने शव लेने से साफ इनकार कर दिया(Son flatly refuses to take the dead body). न ही अंतिम संस्कार के लिए माने. महिला का शव (Woman’s body) घर में ही पड़ा रहा. इस बात का पता जब आस पास के लोगों को चला तो उन्होंने नगर पालिका को इसकी सूचना दी. अब पहले जहां रिश्तों ने मरने के बाद उस महिला का साथ छोड़ा था वहां अब मानवता ने भी छोड़ दिया.
नगर पालिका ने तुरंत एक्शन लेते हुए महिला के शव को मोक्षधाम पहुंचाने का इंतजाम किया. लेकिन नगर पालिका का इंतजाम देखकर हर कोई हैरान रह गया. दरअसल पूरे शहर से कचरा बटोर कर ढोने वाली गाड़ी को नगर पालिका ने महिला का शव उठाने के लिए भेज दिया. कचरे की ट्रॉली में ही महिला को मोक्षधाम तक पहुंचाया गया. महिला को मौत के बाद एक एंबुलेंस तक नसीब न हो सकी.
जानकारी के अनुसार महिला काफी दिनों से बीमार चल रही थी. महिला का बेटा शहर से बाहर रहता है और कुछ दिन पहले ही आया था. इस दौरान महिला की मौत हो गई. कोरोना से घबराए परिजन ने अंतिम संस्कार करने से ही मना कर दिया. इस पर नगर पालिका अध्यक्ष मगदान चारण ने उन्हें काफी समझाया और अंतिम संस्कार में शामिल करने के लिए मनाया. बाद में किसी तरह महिला का बेटा बात को माना और अंतिम संस्कार में शामिल हुआ.
महिला के शव को कचरा गाड़ी में ले जाने की बात पर मगनदान ने कहा कि पालिका के पास मोक्षरथ की व्यवस्था नहीं है और एंबुलेंस का भी इंतजाम नहीं था. अब इस व्यवस्था को सुधारा जाएगा और जल्द इसकी व्यवस्था की जाएगी. Share: