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दिल्ली और नोएडा की हवा खराब, खतरे के निशान को पार किया


नई दिल्ली। सर्दियां पास आते ही दिल्‍ली वालों को फिर से टेंशन होने लगी है। कारण है बुधवार सुबह आसमान में छाई धुंध। दिल्‍ली का एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स (AQI) रेड जोन में है। बुधवार सुबह यह 306 के आंकड़े पर था। फरवरी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि AQI 300 के पार चला गया है जबकि 200 से ऊपर AQI को खराब और 300 से 400 AQI के बीच को ‘बेहद खराब’ कहा जाता है। पड़ोसी नोएडा और ग्रेटर नोएडा की स्थिति तो दिल्‍ली से भी खराब है। वहीं, सैटेलाइट तस्‍वीरें इशारा कर रही हैं कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाई जा रही है। हवा में पॉल्‍युटेंट्स की मात्रा बढ़ गई है। सिस्‍टम ऑफ एयर क्‍वालिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, आने वाले कुछ दिन में स्थिति और खराब हो सकती है।

नोएडा की हवा दिल्‍ली से भी खराब
दिल्‍ली में बुधवार सुबह का AQI 306 दर्ज किया गया। नजदीकी नोएडा में हवा की क्‍वालिटी और खराब हो गई है। वहां का AQI 331 है। इन दोनों के मुकाबले गुड़गांव की स्थिति अभी ठीक है। वहां AQI 232 है। मंगलवार को दिल्‍ली में 304 AQI दर्ज किया गया था। इस वक्‍त दिल्‍ली का जो AQI है, वह पिछले साल से भी खराब है। अनुमान के मुताबिक, अगले दो दिन AQI के ‘बहुत खराब’ से ‘खराब’ के बीच रहेगा। दिल्‍ली में हवा भी न के बराबर चल रही है जिससे लोकल पॉल्‍युटेंट्स फंस जा रहे हैं।

दिल्‍ली की हवा क्‍यों होती है जहरीली?
अक्‍टूबर के मध्‍य से लेकर दिवाली के बीच तक का वक्‍त बेहद महत्‍वूपूर्ण है। क्‍योंकि इसी दौरान पड़ोसी इलाकों में पराली जलने से धुआं एनसीआर की तरफ आ जाता है, पटाखों के इस्‍तेमाल से भी माइक्रोपॉल्‍युटेंट्स का लेवल बढ़ता है। मौसम जैसे-जैसे सर्द होता है, हवा भी स्थिर और भारी होने लगती है। इनमें पहले से मौजूद गाड़‍ियों का धुआं, सड़कों और कंस्‍ट्रक्‍शन की धूल और फैक्ट्रियों का कचरा जब मिलता है तो हवा सांस लेने लायक नहीं बचती।

एक हफ्ते तक बारिश की संभावना नहीं
मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले सात दिनों में आसमान में धुंध छाई रहेगी। बारिश की संभावना नहीं है। मौसम विज्ञानी के अनुसार धुंध के कारण प्रदूषण के स्तर में और इजाफा हो सकता है। धुंध और कुहासे के कारण हानिकारक कण वायुमंडल की निचली सतह पर ही तैरते रहते हैं, ऐसे में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता रहता है। बारिश से प्रदूषण तेजी से घटता है, लेकिन एक सप्ताह तक बारिश की संभावना नहीं है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होगी। अधिकतम तापमान 32 जबकि न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहेगा

IMD के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव का कहना है कि दिन में चलने वाली हवाएं पराली के पॉल्यूशन को बहाने के लिए काफी नहीं हैं। क्योंकि शाम से लेकर सुबह तक हवा ठप रहती है। हवा काफी कम देर इतनी तेज बहती है कि वह प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों को बहाकर ले जा पाए। सीपीसीबी के मुताबिक, खराब हवा के लंबे समय तक संपर्क में रहने से ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पराली के कारण पूरे उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इस साल कोरोना संकट के कारण पराली प्रदूषण काफी जानलेवा भी हो सकता है। उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाने में केंद्र सरकार पूरी तरह नाकाम है। सिसोदिया ने उत्तर भारत में प्रदूषण रोकने के लिए केंद्र सरकार से तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की।

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