नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) ने बुधवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin) द्वारा जनसंख्या आधारित डिलिमिटेशन की प्रक्रिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का समर्थन किया। उन्होंने इस मुद्दे पर ऐक्शन की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं, उनके डिप्टी डीके शिवकुमार (Deputy DK Shivakumar) ने पार्टी आलाकमान की सलाह पर सावधानीपूर्वक कदम उठाने की बात कही है।
तमिलनाडु से आया एक प्रतिनिधिमंडल बेंगलुरु में सिद्धारमैया से मिला और जनसंख्या आधारित डिलिमिटेशन के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता पर चर्चा की। इस दौरान स्टालिन ने फोन पर सिद्धरामैया से बात की और उन्होंने कर्नाटक से एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता को नामांकित करने की अपील की। कर्नाटक सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य तमिलनाडु के साथ है और यह प्रक्रिया गैर-लोकतांत्रिक है क्योंकि इसे सभी राज्यों की सहमति के बिना किया जा रहा है।
सीएमओ के बयान के मुताबिक, सिद्धारमैया ने कांग्रेस पार्टी की ओर से यह कहा कि वे केंद्र सरकार के ऐसे सभी कदमों की निंदा करते हैं जो कर्नाटक के हितों के खिलाफ हों, लोकतंत्र को कमजोर करे और संविधान के संघीय सिद्धांतों के खिलाफ हो। स्टालिन के अनुसार, प्रस्तावित संयुक्त कार्रवाई समिति में केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब जैसे राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। इस समिति का पहला बैठक 22 मार्च को चेन्नई में आयोजित किया जाएगा।
वहीं, बीजेपी के सदस्य निशिकांत दुबे ने भी इस मुद्दे को उठाया और पश्चिम बंगाल की सीमाओं से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाले बांगलादेशी नागरिकों के संदर्भ में चिंता जताई। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार जब डिलिमिटेशन करे तो इन घुसपैठियों को बाहर रखा जाए।
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