कोलकाता । साल 1983 में आई फिल्म ‘मासूम’का मशहूर गाना (Famous Song of The Film ‘Masoom’ released in the year 1983) ‘तुझसे नाराज नहीं जिंदगी’ (‘Tujhse Naraz Nahi Zindagi’ ) गाने वाले फेमस बंगाली सिंगर (Famous Bengali singer)अनूप घोषाल (Anup Ghoshal) का अवसान हो गया (Passed Away) । वे 77 साल के थे। शुक्रवार (15 दिसंबर) को दोपहर करीब 1 बजकर 40 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। अनूप बढ़ती उम्र संबंधी बीमारियों के चलते पिछले कई दिनों से कोलकाता के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती थे। मल्टी ऑर्गन फेल होने के कारण उन्हें हार्ट अटैक आ गया और उनका निधन हो गया। अनूप के दो बेटियां हैं।
अनूप के निधन से मनोरंजन जगत से जुड़े लोग और उनके फैंस दुखी हैं और वे सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। अनूप का जन्म साल 1945 में अमूल्य चंद्र घोषाल और लाबन्या घोषाल के घर हुआ था। अनूप ने 4 साल की उम्र से ही संगीत सीखना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी मां से ट्रेनिंग ली थी। उन्होंने ठुमरी, ख्याल, भजन, राग प्रधान और रवींद्र संगीत सहित कई शास्त्रीय संगीत की शैलियों को सीखा।
जब वे 19 साल के थे तब वे प्रख्यात फिल्ममेकर सत्यजीत रे की नजर में आए। उन्हें साल 1967 में रे की फिल्म ‘गूपी गेन बाघा बेन’ में गाने का मौका मिला। उनके खाते में ‘सगीना महतो’, ‘फुलेश्वरी’, ‘मरजीना अब्दुल्ला’ और ‘छदमबेशी’ जैसी फिल्मों के गाने भी हैं। अनूप नेशनल फिल्म अवार्ड भी जीत चुके हैं। उन्होंने बंगाली, हिंदी, भोजपुरी और असमिया भाषाओं में कई गानों को अपने सुरों से सजाया। शेखर कपूर द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मासूम’ में इन्होंने गुलजार द्वारा लिखित ‘तुझसे नाराज नहीं जिंदगी’ गाना गाया था। देश के हर दिल को जीता था।
अनूप पिछले कुछ दिनों से एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थे। कोलकाता में परिवार के साथ रहते थे। मल्टीपल ऑर्गन फैलियर के चलते अनूप ने दोपहर 1:40 पर दम तोड़ा। अनूप पॉलिटिक्स में एक्टिव थे। साल 2011 में इन्होंने उत्तरपाड़ा से तृणमूल कॉन्ग्रेस से टिकट जीता था। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिंगर को श्रद्धांजलि दी। कहा- अनूप घोषाल जी ने बंगाली, हिंदी और बाकी की भाषाओं में जो गाने गाए हैं, वो हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। उन्हें श्रद्धांजलि देती हूं।
घोषाल का जन्म साल 1945 में हुआ था। इन्हें सिंगिंग इनकी मां ने सिखाई थी। इसके बाद क्लासिकल म्यूजिक सीखने के लिए यह पंडित सुखेंदू गोस्वामी के पास गए। बाद में क्लासिकल म्यूजिक में एमए किया और टॉप किया। पॉलिटिक्स में भी अनूप एक्टिव रहे। ममता बनर्जी ने इन्हें साल 2011 में उत्तरपाड़ा से जीत दिलाई थी। वहां के बाद अनूप ने कभी इलेक्शन में हिस्सा नहीं लिया।
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