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अखिल भारतीय सामाजिक न्याय महासंघ का पहला सम्मेलन आज, 37 विपक्षी दल होंगे शामिल

नई दिल्ली (New Delhi)। 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) से पहले विपक्षी एकता (opposition unity) दिखाने के लिए आज अखिल भारतीय सामाजिक न्याय महासंघ (All India Social Justice Federation) पहला राष्ट्रीय सम्मेलन (First National Conference) आयोजित करने जा रहा है। तमिलनाडु के सीएम स्टालिन (Tamil Nadu CM Stalin) के नेतृत्व में शुरू हुए इस महासंघ की पहली बैठक में 37 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन में मल्लिकार्जुन खड़गे, फारूक अब्दुल्ला, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव और स्टालिन समेत कई नेता सम्मेलन को संबोधित भी करेंगे। कार्यक्रम को ‘हाइब्रिड मोड’ में आयोजित किया जाएगा।

2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी एकता को दिखाने वाले इस सम्मेलन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उनके झारखंड के समकक्ष हेमंत सोरेन और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शामिल होंगे। कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला, एनसीपी नेता छगन भुजबल, राजद नेता मनोज झा, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ईटी मुहम्मद बशीर, भारत राष्ट्र समिति के केशव राव और एमडीएमके नेता वाइको भी मौजूद रहेंगे।


द्रमुक का विपक्ष को एकजुट करने में दूसरा प्रयास
स्टालिन को केंद्र में रखकर विपक्ष को एकजुट करने का द्रमुक का यह दूसरा प्रयास है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, तेजस्वी यादव और फारुक अब्दुल्ला हाल ही में द्रमुक प्रमुख के 70वें जन्मदिन समारोह में भी मौजूद थे। सूत्रों ने कहा कि स्टालिन सम्मेलन को चेन्नई से 20-25 मिनट के लिए संबोधित करेंगे, जबकि अन्य को अपनी बात रखने के लिए लगभग सात मिनट मिलेंगे।

थरूर ने विपक्षी एकता का स्वागत किया
लोकसभा के सदस्य शशि थरूर ने विपक्षी एकता की हालिया लहर का स्वागत करते हुए रविवार को कहा कि कांग्रेस अन्य दलों के लिए वास्तविक केंद्र बिंदु रहेगी। लेकिन, यदि वह पार्टी नेतृत्व में होते तो इस बात की शेखी बघारने के बजाय 2024 के आम चुनाव में भाजपा से मुकाबला करने के लिए किसी छोटे दल को विपक्षी गठबंधन के संयोजक की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करते।

थरूर ने एक साक्षात्कार में कहा कि 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने की घटना ने विपक्षी एकता की आश्चर्यजनक लहर पैदा कर दी है। कई विपक्षी दलों को इस सूक्ति की अहमियत समझ आने लगी है कि एकता हमें मजबूत बनाती है और फूट हमें कमजोर करती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि ज्यादातर विपक्षी दलों को एकजुट होने के लिए नया कारण मिल गया और उन्होंने एक-दूसरे के वोट काटना बंद कर दिया, तो भाजपा के लिए 2024 के चुनाव में बहुमत हासिल करना बहुत मुश्किल हो सकता है।

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