भोपाल। मध्य प्रदेश (MP) के ग्वालियर चंबल संभाग (Gwalior-Chambal division) में आई बाढ़ (Flood) ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है. चारों तरफ बर्बादी ही बर्बादी है. लेकिन सरकार का दावा है कि कुल 8832 लोगों को बाढ़ से बचाया गया और 32 हजार को सुरक्षित स्थानों पर राहत कैम्पों में पहुंचाया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Chief Minister Shivraj Singh) ने इस रेस्क्यू के लिए सेना, एन.डी.आर.एफ. (NDRF), स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ (SDRF) सबकी तारीफ की. सीएम ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के राहत और पुनर्वास का काम पूरी तत्परता और कर्तव्यनिष्ठा से किया जाए.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली और पानी सप्लाई बाधित हो गया था. सीएम (CM) ने निर्देश दिये हैं कि हैंड पंप जल्द चालू कराए जाएं. संबंधित मंत्रियों के निर्देशन में टास्क फोर्स समिति के सभी 12 विभाग युद्ध स्तर पर राहत और पुनर्वास का काम करें.
6-6 हजार रुपये की मदद
सरकार ने बाढ़ पीड़ित लोगों को तात्कालिक मदद के तौर पर 6-6 हज़ार रुपये देने का ऐलान किया है. सीएम शिवराज के मुताबिक बाढ़ में जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं, उन्हें 6-6 हजार रूपये की तात्कालिक राहत तुरंत दी जाए, जिससे वे कुछ मरम्मत कर सकें अथवा अन्यत्र रहने की व्यवस्था कर सकें. पूरा सर्वे होने के बाद मकान के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये की राशि दी जाएगी.
इन व्यवस्था के निर्देश
बाढ़ प्रभावित हर परिवार को 50-50 किलो गेहूं और आटा देने के निर्देश भी दिए गए हैं. इसके साथ ही सरकार ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीने का साफ पानी सप्लाई किया जाए इसका खास ध्यान रखा जाए. जलस्रोतों को क्लोरीन से स्वच्छ किया जाए. हैंड पंप तुरंत चालू कराए जाएं. बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों और पुल-पुलियों की मरम्मत के भी निर्देश दिए गए हैं. बाढ़ से 189 छोटे पुल-पुलिया, 7 बड़े पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं. इससे लगभग 207 करोड़ रूपये के नुकसान का अनुमान है. खाद्य विभाग के मुताबिक बाढ़ से 180 उचित मूल्य दुकानें प्रभावित हुई हैं. इसलिए राशन वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ रही है.