कंप्यूटर सॉफ्टवेयर जगत की दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट ने आखिरकार छह साल इंतजार के बाद अपने कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम की अगली पीढ़ी का संस्करण ‘विंडोज-11’ सभी के सामने पेश कर दिया। इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट ने 2015 में विंडोज-10 लांच किया था।
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि विंडोज-11 इस साल के अंत तक नए कंप्यूटरों और अन्य उपकरणों में उपलब्ध होने लगेगा और विंडोज-10 के उपयोगकर्ताओं को अपने सिस्टम में इसका अपडेट निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का सबसे पहला संस्करण 1985 में लांच किया गया था।
माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने गुरूवार को नए स्टार्ट मेन्यु और अन्य सुविधाओं वाले विंडोज-11 को पेश करते समय इसकी एक और खासियत की घोषणा की, जिसने सभी को चौंका दिया। विंडोज-11 की सबसे खास बात इसका एंड्रॉयड ओएस पर चलने वाली एप्स को भी सपोर्ट करना रहेगा।
इसके लिए विंडोज-11 में अमेजन एपस्टोर (amazon appstore) के जरिये एक नया विंडोज स्टोर जोड़ा गया है। इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट ने इंटेल के साथ उसकी इंटेल ब्रिज तकनीक के उपयोग का करार किया है।
इसे माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से अपने प्रतिद्वंद्वी एपल के लिए जवाब भी माना जा रहा है, जो अपनी एम-1 चिप्स की मदद से मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) आईओएस की एप्स को कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम मैक-ओएस पर चलाने में सफल रहा है।
माइक्रोसॉफ्ट ने एंड्रॉयड एप्स को विंडोज में चलाने की योजना 2015 में ही प्रोजेक्ट एस्टोरिया के नाम से पेश की थी, लेकिन उस समय एक साल बाद ही उसने इसमें सफल नहीं होने की घोषणा कर दी थी।
तकनीकी दिक्कतों से जूझा वर्चुअल समारोह
विंडोज-11 को सभी के सामने पेश करने का माइक्रोसॉफ्ट का वर्चुअल समारोह तकनीकी दिक्कतों के कारण प्रभावित हुआ, जिसके चलते कंपनी को अपने दर्शकों को यह समारोह ट्विटर पर लाइव देखने के लिए कहना पड़ा।
विंडोज 11 में क्या होगा खास
विंडोज 11 में एप्स के नए आइकन, एनिमेशन, नया स्टार्ट मीनू, टास्कबार लेआउट देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा नए विंडोज के साथ कंपनी एप को री-अरेंज भी कर सकती है जिसका फायदा मल्टीपल मॉनिटर में मिलेगा। इसके अलावा इसमें Xbox Auto HDR का सपोर्ट और, ब्लूटूथ ऑडियो को बेहतर बनाया जा सकता है। माइक्रोसॉफ्ट एक नए एप स्टोर पर भी काम कर रहा है।
कहा जा रहा है कि इस बार कंपनी क्लाउड आधारित विंडोज पेश कर सकती है। इसका बड़ा फायदा यह होगा कि कंपनी की यह सेवा सब्सक्रिप्शन आधारित होगी जिसके उसे काफी मुनाफा होगा।
इसके अलावा क्लाउड आधारित होने के कारण Microsoft Office और Xbox जैसे गेम्स को लेकर भी कोई परेशानी नहीं होगी। तीसरा फायदा यह होगा कि कंपनी अपने Azure क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म का बेहतर इस्तेमाल कर पाएगी जिसमें वह पिछले कई सालों से निवेश कर रही है।
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