इंदौर न्यूज़ (Indore News)

पावर प्लांट की फ्लायऐश से बनना है हाईवे, राख की कमी बनी रोड़ा

  • सुनने में लगेगा अचरजभरा… लेकिन सही है यह
  • एनएचएआई और सिंघाजी पावर प्लांट के बीच फ्लायऐश का परिवहन खर्च उठाने को लेकर ठनी

इंदौर, अमित जलधारी। शहर के एक नेशनल हाईवे (National Highway) के लिए फ्लायऐश (राख) की जरूरत है, लेकिन बीते तीन-चार महीने से राख नहीं मिल पा रही है। इससे काम प्रभावित हो रहा है। मामला नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और सिंघाजी थर्मल पावर प्लांट से जुड़ा है। एनएचएआई को निर्माणाधीन इंदौर-राघौगढ़ ग्रीनफील्ड नेशनल हाईवे के अर्थवर्क के लिए पांच से सात लाख टन फ्लायऐश की जरूरत है। नियमानुसार उसे समीपस्थ सिंघाजी पावर प्लांट से यह राख लेना है और पावर प्लांट के कर्ताधर्ता राख देने को भी तैयार हैं, लेकिन इसके परिवहन के खर्च को लेकर बात नहीं बन रही है। पावर प्लांट में लाखों टन फ्लायऐश है।

एनएचएआई का तर्क है कि कार्यस्थल (जहां हाईवे बन रहा है) से 300 किलोमीटर की जद में यदि फ्लायऐश की आपूर्ति होना है तो इसका खर्च थर्मल पावर प्लांट को वहन करना होगा। इंदौर-राघौगढ़ हाईवे प्लांट से 150 किलोमीटर की जद में है। इधर, पावर प्लांट वाले राख इसलिए नहीं दे रहे हैं कि इतनी राख उठवाकर हाईवे निर्माण स्थल कौन पहुंचाएगा? इसमें लाखों रुपए खर्च हो जाएंगे। हालांकि इस बारे में अब तक प्लांट की ओर से कोई अधिकृत जवाब नहीं दिया गया है। एनएचएआई वन और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई गाइडलाइन का हवाला देते हुए प्लांट से परिवहन खर्च उठाने का आग्रह कर रहा है। इसमें कहा गया है कि ईको-फ्रेंडली पर्यावरण के लिए कोल और लिग्नाइट आधारित थर्मल पावर प्लांट को 100 प्रतिशत फ्लायऐश का उपयोग अनिवार्य रूप से निर्माण गतिविधियों के लिए करना होगा। राख का उपयोग सडक़ और फ्लायओवर के निर्माण में हो सकता है। निर्माण गतिविधियों में लगी सभी सरकारी, अर्धसरकारी और निजी एजेंसियों को यह अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा कि 300 किमी की जद में बने पावर प्लांट से निकली राख का उपयोग वे निर्माण कार्यों में करें।


मुफ्त में देना है और परिवहन खर्च भी उठाना है
वन और पर्यावरण मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि निर्माण में लगी एजेंसियों को तय शर्तें पूरी करने पर यह राख मुफ्त मिलना चाहिए और इसके परिवहन का खर्च संबंधित कोल या लिग्नाइट आधारित पावर प्लांट को उठाना चाहिए। यदि थर्मल पावर प्लांट राख का निस्तारण करने में खुद सक्षम है तो वह आपसी सहमति और शर्तों के आधार पर राख के एवज में तय किए गए चार्ज वसूल सकता है।

मुफ्त में देने को तैयार हैं, लेकिन परिवहन खर्च खुद उठाएं
एनएचएआई ने हाईवे निर्माण के लिए फ्लायऐश मांगी है, लेकिन उसके ट्रांसपोर्टेशन का खर्च वह प्लांट को उठाने का कह रहे हैं। यह खर्च बहुत ज्यादा होगा। ऊर्जा विभाग मुफ्त में फ्लायऐश देने को तैयार है, लेकिन उसके परिवहन का खर्च उन्हें उठाना चाहिए।

-संजय दुबे, प्रमुख सचिव, ऊर्जा विभाग
नियमों के तहत प्लांट को उठाना है खर्च
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के नियम के तहत 300 किमी तक के एरिया में फ्लायऐश के परिवहन का खर्च प्लांट को ही वहन करना होगा। सिंघाजी प्लांट एनएचएआई की प्रोजेक्ट साइट से 150 किमी ही दूर है। इस संबंध में प्रदेश सरकार के अफसरों से बात करेंगे। -एसके सिंह, रीजनल ऑफिसर, एनएचएआई (एमपी)
अक्टूबर-24 तक बनना है हाईवे, पीएमओ कर रहा निगरानी
– एनएचएआई ने पावर प्लांट को कहा है कि 31 अक्टूबर-24 तक इंदौर-राघौगढ़ हाईवे बनकर तैयार किया जाना है। फ्लायऐश नहीं मिलने से काम प्रभावित हो रहा है।
– यह प्रोजेक्ट भारतमाला परियोजना के अधीन है और प्रधानमंत्री ऑफिस खुद इसकी मॉनीटरिंग कर रहा है।
– यदि पावर प्लांट के पास राख नहीं है तो इस संबंध में सूचित करें, ताकि ठेकेदार एजेंसी किसी वैकल्पिक जगह से फ्लायऐश का इंतजाम कर सके।

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