- भोज मुक्त विश्वविद्यालय ने शुरू किए नए शार्ट टर्म कोर्स
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सांसद और विधायक डिग्री-डिप्लोमा कोर्स (MLA Degree-Diploma Course) कर उच्च शिक्षा ले सकेंगे। भोज मुक्त विश्वविद्यालय (Bhoj Open University) ने प्रदेश के सांसदों और विधायकों के लिए उनकी सुविधा से कोर्स शुरू किए हैं। भोज मुक्त विश्वविद्यालय (Bhoj Open University) से कोई भी नेता पार्ट टाइम (Part Time) या घर से यूजी और पीजी की डिग्री ले सकेगा। नेताओं की उच्च शिक्षा के उद्देश्य से यहां नए शार्ट टर्म कोर्स (Short Term Course) शुरू किए गए हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Higher Education Minister Mohan Yadav) का कहना है कि जो भी नेता अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं, उनके लिए ये एक मौका है। अधूरी पढ़ाई को पूरा कराने के लिए कॉलेजों में एडमिशन (Admition) दिलाया जाएगा। सरकार का उद्देश्य शैक्षणिक योग्यता बढ़ाना है। इसी के चलते मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय (Madhya Pradesh Bhoj Open University) विधायक और सांसदों को उनकी सुविधा के अनुसार पढ़ाने की तैयारी कर रहा है। उच्च शिक्षा में उम्र का बंधन खत्म होने से भी बड़ी संख्या में सांसद और विधायक उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे।
52 जिलों में शुरू की जा रही सुविधा
भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति जयंत सोनवलकर का कहना है कि विवि में हर तरह के शॉर्ट टर्म डिग्री-डिप्लोमा कोर्स तैयार किए गए हैं। इनका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। प्रदेश के सभी 52 जिलों में हर सेंटर पर ये कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। ताकि, अपने आसपास के जिलों से सभी सांसद और विधायक अपनी सुविधा के अनुसार उच्च शिक्षा की पढ़ाई पूरी कर सके। नेताओं के लिए स्पेशल कोर्स शुरू करने के बाद अब भोज मुक्त विश्वविद्यालय जेल में कैदियों के लिए भी शॉर्ट टर्म स्पेशल कोर्सेस उनकी रुचि के हिसाब से तैयार कर रहा है।
स्टूडेंट के लिए 177 डिप्लोमा, 282 सर्टिफिकेट कोर्स शुरू
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस बार कॉलेजों में 177 डिप्लोमा और 282 सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए गए हैं। लगभग 79 विषयों के प्रथम वर्ष के कोर्स विद्यार्थियों के लिए तैयार किए गए हैं। इनमें स्टूडेंट्स को वैकल्पिक विषय चुनने का भी अवसर मिलेगा। एक साल में सर्टिफिकेट, 2 साल में डिप्लोमा और 3 साल में डिग्री सहित मल्टीपल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट सिस्टम और चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया जा रहा है। स्टूडेंट के हिसाब से धार्मिक और आध्यात्मिक, धर्म पुराण के कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।