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Delhi-NCR में प्रदूषण से हालात बेकाबू, नोएडा में स्कूल बंद, दिल्ली में डीजल वाहनों पर रोक

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण (Delhi-NCR Pollution) को काबू करने के तमाम जतन फेल हो गए हैं। हालात बेकाबू हो चले हैं। ग्रैप के तीसरे चरण (Grap’s third stage) की पाबंदियां बेमानी साबित हुई हैं लिहाजा दिल्ली में इसका चौथा चरण लागू (Grap 4th step applied) कर दिया गया है। घुटन भरे माहौल के बीच नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आठवीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली में सांसों का संकट गहराता जा रहा है।

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी से दिल्ली-एनसीआर का दम घुटने लगा है। हालात की गंभीरता देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण को लागू कर दिया गया है। इसके तहत दिल्ली और आसपास के जिलों में बीएस-6 को छोड़कर अन्य डीजल वाहनों पर रोक लगाई गई है। वहीं, गौतमबुद्धनगर में पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूल 8 नवंबर तक बंद कर दिए गए हैं। स्कूल चाहें तो इन बच्चों की ऑनलाइन क्लास ले सकते हैं।


सांसों पर गहरा रहे संकट के बीच दिल्ली बृहस्पतिवार को चरखी दादरी के बाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में 450 व चरखी दादरी का 460 रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले एक नवंबर को पहली बार दिल्ली-एनसीआर की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंची थी। तब दिल्ली 424 एक्यूआई के साथ देशभर में सबसे प्रदूषित शहर रहा था। पराली के दमघोंटू धुएं से लोगों ने आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ महसूस की। वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि पांच नवंबर तक हवा की सेहत सुधरने की संभावना नहीं है। आगामी दिनों में पश्चिमी विक्षोभ बनने और हवा की रफ्तार बढ़ने से राहत की उम्मीद है।

दिल्ली में पाबंदियां
– दिल्ली में इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को छोड़कर ट्रकों के प्रवेश पर रोक
– हाईवे, फ्लाईओवर, पावर ट्रांसमिशन, ओवरब्रिज और पाइपलाइन के निर्माण बंद
– जरूरी सामान के निर्माण करने के अलावा सभी उद्योग बंद पर, जरूरी वस्तुएं ढोने वाले वाहनों को पाबंदी से छूट

नोएडा में पाबंदियां
-ग्रैप की पाबंदियों के अलावा हॉट मिक्स प्लांट, आरएमसी प्लांट और स्टोन क्रशर का संचालन पूरी तरह बंद
– 500 मीटर से बड़ी साइटों को डस्ट एप पर पंजीकृत कराने का निर्देश
– 5,000 वर्गमीटर से बड़े निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन अनिवार्य

वर्क फ्रॉम होम भी संभव
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आदेश में कहा गया है कि सरकार ऑड-ईवन की व्यवस्था को लागू कर सकती है। केंद्र व राज्य सरकारें 50 फीसदी क्षमता के साथ कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम करने का निर्णय भी ले सकती हैं। इसके अलावा, एनसीआर के जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद करने का फैसला भी संभव है।

पंजाब में सबसे अधिक जली पराली
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पंजाब में सबसे अधिक 2666 जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। वहीं, हरियाणा में 128, उत्तर प्रदेश में 40, दिल्ली में एक, मध्यप्रदेश में 323 और राजस्थान में 54 जगहों पर पराली जली है। इससे एक दिन पहले पंजाब में 3634, हरियाणा में 166, उत्तर प्रदेश में 25, दिल्ली में शून्य, मध्यप्रदेश में 284 और राजस्थान में 63 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड हुई थीं।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने दिल्ली के सीएम पर साधा निशाना : केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर पराली समस्या के समाधान पर ध्यान न देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है, केजरीवाल को उपायों को अमल में लाने से रोक कौन रहा है?

कहां कितना एक्यूआई
चरखी दादरी 460
दिल्ली 450
गुरुग्राम 430
नोएडा 423
गाजियाबाद 416
ग्रेटर नोएडा 418
फरीदाबाद 373

ग्रैप का चौथा चरण
दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों को प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। हालांकि, जरूरी सामान लाने वाले व सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पाबंदी से छूट दी गई है। दिल्ली में पंजीकृत मध्यम व भारी डीजल संचालित माल वाहनों पर प्रतिबंध। जरूरी सामान वाले वाहनों को छूट मिलेगी।

ग्रैप लागू करने के संबंध में हाईलेवल मीटिंग आज
दिल्ली में ग्रैप-4 लागू करने के सीएक्यूएम के निर्देश के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अपनी अध्यक्षता में शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। यह बैठक दिल्ली सचिवालय में होगी। इसमें पर्यावरण विभाग और अन्य संबंधित विभागों से जुड़े अधिकारी हिस्सा लेंगे।

पराली समस्या का पंजाब से समाधान क्यों नहीं करा रहे केजरीवाल : भूपेंद्र
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर तंज कसा है? उन्होंने केजरीवाल पर पराली समस्या के समाधान पर ध्यान न देकर सिर्फ भाषण देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है, केजरीवाल को उपायों को अमल में लाने से रोक कौन रहा है? अब केजरीवाल पंजाब से समाधान क्यों नहीं करा रहे। भूपेंद्र ने केजरीवाल के पुराने भाषणों के एक वीडियो को टि्वटर पर शेयर किया है।

इस वीडियों में केजरीवाल पूसा की मदद से एक ऐसा सॉल्यूशन बनाए जाने की बात कर रहे हैं, जिससे पराली खाद में बदल जाती है। भूपेंद्र यादव ने कहा, केजरीवाल ने पंजाब में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए पूसा जैव-अपघटक का इस्तेमाल करने से औपचारिक रूप से मना कर दिया था। उन्होंने पंजाब सरकार से तत्परता से काम कर पराली को जलने से रोकने की अपील की।

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