नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. पिछले 1 साल से पाकिस्तान अलग-अलग चुनौतियों का सामना कर रहा है. पहले राजनीतिक संकट(political crisis), फिर आर्थिक संकट और इसी बीच में बाढ़ का संकट. एक महीने पहले तक पाकिस्तान की सरकार दिवालिया होने से बचने के लिए आईएमएफ से लोन लेने के लिए जद्दहोजहद कर रही थी, ताकि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके. आईएमएफ पैसे देने वाला ही था कि बाढ़ ने दस्तक दे दी और रही सही कसर भी निकाल दी. महंगाई और अन्य समस्याओं(Inflation and other problems) से जूझ रहे पाक में स्थिति और खराब होती जा रही है. एक बार फिर वहां गेहूं और आटे की कीमत में 10-20 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में हालात और खराब हो गए हैं.
सरकार ने समर्थन मूल्य किया डबल
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर में फसल की बुवाई में संभावित देरी के कारण गेहूं और आटे के दाम में 10-20 फीसदी तक की वृद्धि हुई है. यही नहीं पाकिस्तान सरकार द्वारा अनाज समर्थन मूल्य को भी डबल कर दिया गया है.
कराची में शतक से आगे बढ़ चुका है आटा
पाकिस्तान में हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा इसी लगाया जा सकता है कि वहां के कराची शहर में आटे की कीमत 125 रुपये किलो हो चुकी है, जबकि 6-7 महीने पहले तक यह कीमत करीब 25 रुपये प्रति किलो थी. रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 15 सितंबर को समाप्त सप्ताह में गेहूं के आटे की कीमत में 7.51 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है और अब इसकी कीमत 106.38 रुपये प्रति किलो है.
3 महीने में इतने बढ़े गेहूं कके दाम
बढ़ोतरी सिर्फ आटे की कीमत में ही नहीं, बल्कि गेहूं में भी देखने को मिल रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, गेहूं की कीमत में एक हफ्ते में 14 पर्सेंट तक की वृद्धि हुई है. फिलहाल गेहूं 88 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है, जबकि एक हफ्ते पहले इसकी कीमत करीब 77 रुपये प्रति किलो थी. पाक में गेहूं की कीमत पिछले तीन महीने में 30 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है.