देश

आसियान-भारत थिंक टैंक के सेमिनार में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा…

नई दिल्ली । कोविड महामारी ने दुनिया को किस तरह से बदला है यह तो तय नहीं है लेकिन यह तय है कि अब दुनिया पहले जैसी नहीं रही। महामारी के बाद नई सोच, नए विचार और ज्यादा खुलेपन की जरूरत है। कारोबार, राजनीति व सुरक्षा को लेकर अब परंपराओं से आगे जाने की जरूरत है। यह बात भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आसियान-भारत के थिंक टैंक के एक सेमिनार को संबोधित की और साथ ही यह भी बता दिया भारत भी इस बदले माहौल के मुताबिक अपनी कूटनीति व रणनीति बदल रहा है।

जयशंकर ने कोविड से वैश्विक इकोनोमी को हुए नुकसान को अभूतपूर्व और आशंका से परे बताया। उनके मुताबिक कोविड महामारी से जो झटका लगने वाला है वह ग्रेट डिप्रेशन (वर्ष 1929-अभी तक की सबसे बड़ी मंदी) से भी बड़ी होगी।जयशंकर ने कहा कि, ”कोविड ने जो हालात बनाये हैं उससे कितनी हानि हुई है इसका सही तरीके से अंदाजा कई महीने बीत जाने के बाद भी लगाना मुश्किल है। यह हमारी सोच से भी बाहर है। जो अनुमान लगाये जा रहे हैं उसके मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था का 6.5 से 9.7 फीसद तक का नुकसान हो सकता है।

भारतीय विदेश मंत्री ने महामारी के दौर में बहुपक्षीय संस्थानों की कमजोरी पर भी करार हमला बोला। उन्होंने कहा कि समय पर इन संस्थानों ने अपना कर्तव्य नहीं निभाया, जिस तरह के नेतृत्व की जरुरत थी वह नहीं दिखाया। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अभी जिस तरह की प्रतिस्पद्र्धा है उसकी वजह से भी नेतृत्व नहीं हो सका।” कई देशों के व्यक्गित व्यवहार से भी इस पर असर पड़ा। ऐसे में आज सिर्फ अर्थव्यवस्था पर असर या समाज को हुए नुकसान या गवर्नेस के मुद्दे पर चुनौतियों को सोचने का समय नहीं है बल्कि हम किस दिशा में वैश्विक मामलों को ले जा रहे हैं, इस पर भी विचार करने की जरुरत है।

आगे जयशंकर ने कहा कि, आज के दौर में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सबसे महंगी वस्तु भरोसा है। राष्ट्रीय सुरक्षा में आर्थिक सुरक्षा एक अहम भूमिका निभाने लगी है। कोविड ने स्वास्थ्य सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ दिया है।

ग्लोबल सप्लाई चेन को लेकर नए सिरे से विमर्श शुरु हो गया है। चीन का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि इस महामारी में कुछ देशों ने जिस तरह का व्यवहार किया है उससे आने वाले दिनों में दुनिया उसी तरह से देखेगी। ये देश अपने साथ मौजूदा वैश्विक इकोनोमी के कई जोखिम के लिए भी जिम्मेदार हैं। इसलिए सप्लाई चेन को लेकर अनिश्चितता बनी है उसका जल्द से जल्द समाधान निकालना जरुरी है, उनका ज्यादा से ज्यादा विविधीकरण भी जरुरी है। अंत में उन्होंने कहा कि मैं तमाम उदाहरणों से यहीं बताना चाहता हूं कि दुनिया अब पहले जैसी नहीं रही। परिदृश्य पूरी तरह से बदल चुकी है। नई सोच और ज्यादा खुलेपन की जरुरत है।

Share:

Next Post

इंदौर से 5 नई उड़ानें शुरू

Fri Aug 21 , 2020
24 अक्टूबर तक की बुकिंग, किराया मात्र 3200 इन्दौर। इन्दौर से शुरू हो रही पांच नई उड़ानों में जयपुर उड़ान भी शामिल है। बाकी चार उड़ानें तो 25 अगस्त से शुरू होंगी, लेकिन जयपुर उड़ान को 31 अगस्त से शुरू किया जा रहा है। इसका शुरुआती किराया 3 हजार 200 रुपए रखा गया है। यह […]