इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अकेले इंदौर में महापौर के 20 से अधिक दावेदार: विजयवर्गीय

राष्ट्रीय महासचिव का दावा- पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा पूरे प्रदेश में प्रचंड बहुमत से जितेगी

इंदौर। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (BJP General Secretary Kailash Vijayvargiya) ने इंदौर में महापौर पद के दावेदारों की संख्या 20 से अधिक बताकर चौंका दिया है। उन्होंने दावा किया है कि पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा पूरे प्रदेश में प्रचंड मतों से जीतेगी।

दरअसल विजयवर्गीय कल रात खालसा स्टेडियम में चौधरी शंकर खलीफा की स्मृति में आयोजित रात्रिकालीन क्रिकेट स्पर्धा में पहुंचे थे। उनसे ज्ञानवापी मस्जिद के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मोदीजी के आने के बाद भारतीय सभ्यता सामने आ रही है। हमें मुगलों की सभ्यता पढ़ाई गई। हमें इतिहास को ठीक तरह से पढ़ना होगा और समझना होगा। उन्होंने कहा कि आज सच्चाई सामने आ रही है। मुगलों ने हमारे आत्मसम्मान के साथ खिलवाड़ किया। मस्जिदों से मंदिर निकल रहे हैं। ये जिनकी अमानत है, उसे उन्हें सौंपना चाहिए। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जो काम किए हैं, उसे आम लोग भी जानते हैं। हम प्रचंड मत से जीतेंगे और पूरे प्रदेश में हमारे महापौर और अध्यक्ष होंगे। रमेश मेंदोला और आकाश विजयवर्गीय के महापौर के दावेदारी को लेकर उन्होंने कहा कि इंदौर में ऐसे तो 20 से अधिक दावेदार हैं। टिकट किसे देंगे तो उनका कहना था कि जो योग्य होगा, उसे टिकट मिलेगा, लेकिन उसके पहले आज कोर्ट का निर्णय आना है। उसके बाद पार्टी विचार करेगी।


पार्षदों में नए चेहरों पर दाव लगाएगी भाजपा

भाजपा की नगरीय और पंचायत चुनाव संचालन समिति की बैठक मेें पार्टी की छवि खराब करने वाले पूर्व पार्षदों के टिकट काटने और नए चेहरों को मौका देने की सिफारिश की गई है। सिफारिश का कितना असर होगा, यह उम्मीदवार घोषित होने पर ही पता चलेगा।

आज दोपहर कोर्ट का निर्णय आना है कि इसमें सरकार का नया ओबीसी आरक्षण शामिल होगा या नहीं, फिर भी चुनाव होना तो तय है। इंदौर शहर और ग्रामीण क्षेत्र के लिए खंडवा विधायक देवेन्द्र वर्मा को प्रभारी बनाया गया है। उन्हें धार और बुरहानपुर की भी जवाबदारी दी गई है। ये निकाय प्रभारी का नाम निकालेंगे और जिला स्तर पर समन्वय समिति बनाएंगे। चुनाव संचालन समिति की बैठक में इंदौर से प्रदेश पदाधिकारी होने के नाते कविता पाटीदार और जीतू जिराती भी शामिल हुए। सभी ने तय किया कि कोर्ट का फैसला आने के बाद ओबीसी वर्ग को ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व मिले, इसको लेकर हमें अपने क्षेत्र में काम करना है।  बैठक में नए चेहरों को टिकट देने की बात सामने आई, वहीं दो-तीन बार पार्षद रह चुके नेताओं और निष्क्रिय पार्षदों को फिर से टिकट नहीं देने के मामले में भी चर्चा हुई। इसके साथ ही पार्टी संगठन को जिन पूर्व पार्षदों के भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैं, उन्हें चुनाव से दूर रखने के लिए भी कहा गया है, ताकि पार्टी की छवि खराब न हो।

 

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