इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इन्दौर : सैटेलाइट-फिनिक्स के विवादित भूखंडों की जानकारी जुटाई कमेटी ने

22 अगस्त को होने वाली सुनवाई में हाईकोर्ट में करना है पेश, भूमाफियाओं के असहयोग और पीडि़तों को न्याय न देने की चालबाजी से अवगत कराएंगे

इंदौर। ढाई सौ से अधिक भूखंड पीडि़तों को राहत दिलवाने के लिए हाईकोर्ट (High Court) ने हाई पॉवर कमेटी (high power committee) गठित कर रखी है। अभी 22 अगस्त को कमेटी अब तक की गई सुनवाई का लेखा-जोखा प्रस्तुत करेगी और साथ ही भूमाफियाओं की चालबाजी से भी हाईकोर्ट को अवगत कराएगी। कालिंदी गोल्ड, सेटेलाइट हिल्स और फिनिक्स टाउनशिप (Kalindi Gold, Satellite Hills and Phoenix Township) के मामले में यह प्रक्रिया चल रही है। मुख्य रूप से सेटेलाइट और फिनिक्स के पीडि़तों को कैसे भूखंड मिलेंगे इसको लेकर कमेटी खुद असमंजस में है, क्योंकि भूमाफियाओं ने कई रसूखदारों को पीडि़तों की जमीनें बड़े-बड़े टुकड़ों में बेच रखी है और दूसरी तरफ बैंक ने भी 100 करोड़ से अधिक का लोन भी दे रखा है और इसको लेकर पिछले दिनों कमेटी के सामने ही भिड़ंत भी हो गई थी।


सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में हाईकोर्ट ने कमेटी का गठन किया, जिसने पिछले दिनों लगातार पीडि़तों के साथ-साथ इन जमीनों से जुड़े भूमाफिया, कालोनाइजरों को भी बैठाकर सामने-सामने चर्चा कराई गई। चम्पू अजमेरा, चिराग शाह, हैप्पी धवन व अन्य जमीनी जादूगर इन तीनों कालोनियों से जुड़े हैं और पीडि़तों के भूखंडों की जमीनें बेच दी गई है, जिसमें मेडिकैप्स ग्रुप सहित अन्य शामिल हैं। कमेटी ने प्रयास किए कि आपस में समझौता हो जाए, ताकि पीडि़तों को प्लॉट मिल सके। मगर पिछले दिनों कमेटी के सामने ही गर्ग ने चम्पू को जमकर गालियां बकीं और मारपीट की नौबत आ गई, जिसके चलते कमेटी ने पुलिस को बुलाकर दोनों को बाहर किया। इसी तरह अन्य पक्षकारों ने भी साफ मना कर दिया कि वे भूखंड देने के लिए बाध्य नहीं हैं। जैसे एक प्रदीप अग्रवाल ने तो प्रशासन पर ही धमकाने और रजिस्ट्री सरेंडर कराने के लिए ले लेने का भी आरोप लगाया। कुल मिलाकर फिनिक्स और सेटेलाइट में सबसे अधिक परेशानी कमेटी को आ रही है, जिसके चलते पीडि़तों को भूखंड किस तरह दिए जाएंगे यह मामला अब कोर्ट के समक्ष रखा जा रहा है। कालिंदी गोल्ड में अवश्य कुछ सेटलमेंट किए गए हैं, जिसमें भूखंड के साथ ब्याज सहित राशि भी दी गई है। वहीं ये सभी भूमाफिया एक-दूसरे को कमेटी के समक्ष जिम्मेदार भी बताते रहे, जिसके चलते भी कोई रास्ता नहीं निकल सका। दूसरी तरफ कमेटी में नए प्रशासनिक अधिकारी के रूप में संयुक्त कलेक्टर रोशन राय को शामिल किया गया है। उनकी भी उपस्थिति अभी 22 अगस्त की सुनवाई में दर्ज की जाएगी। दरअसल अभी तक कमेटी में अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर शामिल थे, जिनका पिछले दिनों तबादला अलीराजपुर कलेक्टर के रूप में हो गया। उसके बाद कमेटी ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि उनकी जगह प्रशासन ने किसी नए अधिकारी की नियुक्ति नहीं की। लिहाजा पिछले दिनों तबाड़तोड़ नवागत अधिकारी को कमेटी में लिया गया। अभी 22 अगस्त को कमेटी अब तक की गई सुनवाई और भूमाफियाओं द्वारा लगातार किए गए असहयोग से लेकर पीडि़तों को भूखंड देने में किस तरह की परेशानी आ रही है इन तमाम विसंगतियों से अवगत कराएगी। उसके आधार पर हाईकोर्ट इस बारे में कोई दिशा-निर्देश जारी करेगा। सशर्त ये भूमाफिया जमानत पर छूटे हैं।

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