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केरल ने रचा इतिहास, पहली बार सरकारी जिला अस्पताल में हुआ किडनी का ट्रांसप्लांट

कोच्चि: देश में पहली बार केरल के जिला-स्तरीय सरकारी अस्पताल (Government District Hospital) में किडनी का सफलता से प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) किया गया है. राज्य सरकार के मुताबिक यह भारत में अपनी तरह की पहली उपलब्धि है, जिसमें जिला स्तर के एक सरकारी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण सर्जरी की गई. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में कहा कि सर्जरी रविवार को एर्नाकुलम स्थित जनरल हॉस्पिटल में की गई. इसमें कहा गया कि 50 साल की एक महिला ने अपने 28 वर्षीय बेटे को किडनी दान दी. बयान के मुताबिक, सर्जरी के बाद दोनों की हालत में सुधार हो रहा है.

केरल के सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में हासिल की गई उपलब्धि पर गर्व करते हुए राज्य सरकार का दावा है कि यह पहली बार है कि जब भारत के जिला स्तर के सरकारी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण सर्जरी की गई. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने डॉक्टरों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों को और आधुनिक बनाने के लिए प्रेरणा साबित होगी. विजयन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि ‘केरल के सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र ने एर्नाकुलम के जनरल हॉस्पिटल में किडनी प्रत्यारोपण के साथ एक और अहम मुकाम हासिल किया.’


विजयन ने कहा कि यह पहली बार है कि ‘भारत में जिला स्तर के सरकारी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण सर्जरी की गई है. इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए, इसे अंजाम देने वाले सभी लोगों को बधाई.’ वहीं केरल के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि ‘केरल राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन’ ने हाल ही में सामान्य अस्पताल को पंजीकरण और प्रमाणन प्रदान किया है. विभाग ने बताया कि सर्जरी सुपर-स्पेशियलिटी ब्लॉक में हुई, जहां 50 लाख रुपये से अधिक की आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई थी.

एर्नाकुलम जनरल अस्पताल को सितंबर में किडनी प्रत्यारोपण करने के लिए केरल राज्य अंग ऊतक प्रत्यारोपण संगठन से पंजीकरण और प्रमाणन मिला था. एर्नाकुलम सरकारी अस्पताल सरकारी क्षेत्र में किडनी प्रत्यारोपण के लिए संगठन की मंजूरी हासिल करने वाला पांचवां अस्पताल है. जिला अस्पताल में किडनी के सफल ट्रांसप्लांट के बाद से अब सरकारी अस्पतालों में भी रोगियों के अंगों के प्रत्यारोपण की उम्मीदें बढ़ने लगी हैं. जिससे अब अंग प्रत्यारोपण के लिए महंगे निजी अस्पतालों में जाने की मजबूरी से बचाव हो सकता है.

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