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CoronaVirus : कोविड-19 की बढ़ती रफ्तार, जानिए पहली की तुलना में क्यों ज्यादा खतरनाक है दूसरी लहर?

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण की दूसरी लहर भारत में तेजी से फैल रही है और पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में लगातार तेजी देखी जा रही है। सोमवार को देश में एक दिन में कोरोना के 68,020 नए मामले सामने आए। इससे पहले रविवार को 62,714 नए मामले और 312 मौतें दर्ज की गई थीं।

बहरहाल, देश में अब कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,20,39,644 हो गई है। जबकि 291 लोगों की मौत के बाद कुल मौतों की संख्या 1,61,843 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 5,21,808 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,13,55,993 है। वहीं देश में अब तक कुल 6,05,30,435 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई है। 

वायरस की दूसरी लहर का असर : हालांकि कोरोना की निरंतर वृद्धि सीमित क्षेत्रों तक ही सीमित है। देश के एक दर्जन से अधिक राज्य कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं। महामारी को नियंत्रण में लाने का अनुभव होने के बावजूद इन राज्यों में स्थिति सामान्य नहीं हो पा रही है। इसकी मुख्य वजह वायरस का पहले से ज्यादा आक्रामक होना है। आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना वायरस की आक्रामकता में 300 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार ने महामारी की दूसरी लहर के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराया है। कई विशेषज्ञों का भी मानना है कि कोरोना की ये दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा खतरनाक है।


कोरोना के मामलों में 51 फीसदी की बढ़त : भारत में साप्ताहिक आधार पर कोरोना के मामलों में 51 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। इस हफ्ते नए मामलों का आंकड़ा पिछले हफ्ते के मुकाबले 1.3 लाख ज्यादा है। महामारी शुरू होने के बाद, यह अबतक संक्रमण में सबसे बड़ा उछाल है। इस दौरान मौतों के मामले में भी इतना ही उछाल देखने को मिला।

पिछले हफ्ते से तुलना करने पर मौतों में भी 51 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। इस हफ्ते 1,875 मरीजों की मौत हुई जो कि 21 दिसंबर से 27 दिसंबर वाले हफ्ते के बाद सबसे ज्यादा हैं। पहली लहर के दौरान कोरोना संक्रमितों की संख्या 18,000 से 50,000 पहुंचने में 32 दिन लगे थे। लेकिन इस साल मात्र 17 दिन में ही संक्रमितों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। 11 मार्च को देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 18,377 थी जो 27 मार्च तक 50,518 हो गई।

चुनावी राज्यों में कोरोना की लहर : ऐसा इसलिए भी है क्योंकि बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल, देश के शीर्ष पांच आबादी वाले राज्यों में से तीन अभी भी दूसरी लहर से काफी हद तक अप्रभावित रहे हैं। जबकि बिहार और पश्चिम बंगाल में पिछली बार लगभग 4,000 केसों की वृद्धि हुई थी। उत्तर प्रदेश ने सितंबर में एक दिन में 7,000 से अधिक मामले दर्ज किए थे। पश्चिम बंगाल और असम में चुनावी मौसम चल रहा है, जिसमें बड़ी भीड़ राजनीतिक रैलियों में भाग ले रही है। पंजाब का अनुभव बताता है कि यहां पर कुछ देरी से भी मामले बढ़ सकते हैं।


महाराष्ट्र में पहली लहर के दौरान कोरोना संक्रमितों की संख्या 11 हजार से 21,900 होने में 31 दिन लगे थे, लेकिन इस साल मात्र नौ दिनों में यह आंकड़ा पहुंच गया। कोरोना का पॉजिटिव दर बताता है कि कोरोना का प्रसार समुदाय के बीच हो रहा है। राज्य में 21 फीसदी की बढ़ोतरी के आंकड़े, यह दर्शाता है कि कोरोना की दूसरी लहर पहले से कहीं अधिक व्यापक हो सकता है। महाराष्ट्र में मुंबई की बात करें तो दूसरी लहर के दौरान संक्रमितों की संख्या 850 से 21,00 तक पहुंचने में 24 दिन लगे जबकि पहली लहर में ये आंकड़े पहुंचने में 31 दिन लगे थे।

देश में अभी सक्रिय मामलों में 60 प्रतिशत से अधिक महाराष्ट्र का भी हिस्सा है। महाराष्ट्र में सोमवार को संक्रमण के 31,,643 नए मामले सामने आए जो कि सबसे ज्यादा थे। इस दिन 102 मरीजों की मौत हुई। जबकि सक्रिय मामलों की संख्या फरवरी में घटकर 30,000 रह गया था। सक्रिय मामलों में दस गुना वृद्धि सिर्फ 43 दिनों में हुई है। पिछली बार, महाराष्ट्र में सक्रिय मामलों की संख्या 30,000 से तीन लाख तक बढ़ने में 110 से अधिक दिन लग गए थे।

इन राज्यों में हालात खराब : कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कोरोना की लहर ने तेजी दिखाना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र और केरल के अलावा जिन दो राज्यों ने एक दिन में 10,000 से अधिक मामले दर्ज किए हैं वो कर्नाटक और आंध्र प्रदेश हैं। तमिलनाडु में मामले 7,000 पर हैं। फरवरी महीने में 500 से कम मामले आने लगे थे।

इस समय तमिलनाडु (Tamilnadu) और कर्नाटक (Karnatak) ने प्रतिदिन 2,000 से अधिक मामले सामने आने लगे हैं। आंध्र प्रदेश, में फरवरी महीने के पहले सप्ताह में मामले 100 के नीचे गिर गए थे। अब एक दिन में 1,000 के करीब मामले आ रहे हैं। अगर इन राज्यों में भी महाराष्ट्र (Maharashtra) जैसा होता है और अपनी पिछले आंकड़ों से आगे निकल जाते हैं, तो भारत की दूसरी लहर पहले की तुलना में बहुत ज्यादा खराब हो सकती है।


आठ राज्यों से सबसे ज्यादा नए मामले : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, रविवार (Sunday) को देश के 84.5 फीसदी नए मामले आठ राज्यों- महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ से सामने आए। महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक… इन 5 राज्यों में देश के 80 फीसदी सक्रिय मामले हैं।

रिकवरी रेट अब 94.3 फीसदी रह गया : लगातार 19वें दिन संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी गई। देश में कोविड-19 के 5,21,808 सक्रिय मरीज हैं जो कि कुल मामलों का 4.33 प्रतिशत है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मरीजों के ठीक होने दर घटकर 94.32 प्रतिशत रह गई है।

एक सप्ताह में ही 3.9 लाख से ज्यादा मामले : देश में 22 मार्च से 28 मार्च (March) के बीच वाले सप्ताह में 3.9 लाख से ज्यादा मामले सामने आए जो कि पिछले साल अक्तूबर (October) के बाद से सर्वाधिक आंकड़ा है। पिछले हफ्ते (15 मार्च – 21 मार्च) में 67 फीसदी का इजाफा देखने को मिला था, तब उसके पहले वाले हफ्ते से एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे। दोनों हफ्तों को मिला दें तो पिछले दो हफ्तों में महामारी शुरू होने के बाद इतने ज्यादा मामले कभी सामने नहीं आए थे।

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