इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर में दिखेगा कूनो का चीता

छोटी-छोटी तस्वीरें मध्य प्रदेश का गौरव दिखाएंगी,3डी इफेक्ट प्रवासियों से इनबेस्ट की अपील करेगा

इंदौर, प्रियंका जैन देशपांडे। एमपी का टूरिज्म, क्राफ्ट, गोंडआर्ट, महेश्वर  के मंदिर, खजुराहो की कलात्मकता (Tourism of MP, Craft, Gondart, Temple of Maheshwar, Artistry of Khajuraho) के साथ मध्यप्रदेश के लोगों के आर्ट और हुनर को प्रवासी एनमोरफिक स्टाइल में देख सकेंगे। अलग-अलग एंगल से दिखेगी मध्यप्रदेश की झलक।

45 डिग्री एंगल से देखने पर जहां कूनो में भ्रमण करता चीता देखेगा तो अगले एंगल से यही आर्ट मध्यप्रदेश में प्रवासियों को इन्वेस्ट करने की अपील करेगा। मुंबई के अर्थात समूह  के कलाकार इंदौर (Indore) में एनमोरफिक स्टाइल से कलाकृति तैयार कर रहे हैं। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में तल मंजिल पर तैयार हो रही कृति नाइलोन के पतले धागों पर  छोटे-छोटे टुकड़ों से बनाई जा रही है। एक्रेलिक सीट पर बनाई गई कृतियों में मध्यप्रदेश को समाहित किया जा रहा है। आर्ट की कला तैयार कर रहे अशोक नामदेव ने बताया कि मध्यप्रदेश की संस्कृति को इसमें उतारा है। एक्रेलिक सीट के सैकड़ों छोटे-छोटे टुकड़ों को जोडक़र आकृति तैयार की जा रही है। इस आकृति को तैयार करने में कई घंटों का समय लगता है, वहीं 15 लाख से अधिक का खर्च आता है।


बाघ से चीते में बदली कलाकृति

प्रवासी भारतीय सम्मेलन की जिम्मेदारियों की समीक्षा करते हुए मनीषसिंह ने इवेंट आर्गनाइज कर रही कंपनी और विभिन्न कलाकृतियों से बीसीसी हाल को सजाने की समीक्षा की थी, जिसमें अर्थात समूह ने पहले मध्यप्रदेश में आने के आह्वान के साथ टाइगर को एक्रेलिक में उतारा था, लेकिन तैयार प्रोजेक्ट समीक्षा के दौरान बाघ से चीते में बदल गया था। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्यप्रदेश के कूनो में छोड़े गए चीते एनामोरफिक स्टाइल में बड़े ही सुंदर बन पड़े हैं। बीसीसी हाल में तलमंजिल पर यह कलाकृति दूर से देखने पर जहां चीता नजर आ रही है, वहीं पास जाने पर महिलाएं क्लेवर्क करती नजर आती हैं, तो मिट्टी से कुम्हार घड़े रचते दिख रहे हैं। महेश्वरी, चंदेरी वर्क के साथ साथ मांडना, गौंड़ कलाकृति, बुनकर, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर, लाक की चूडियां, बांस से टोकरी बनाते हुए कारीगर, वाद्य यंत्रों पर सूरसंगम करते हुए कलाकार नजर आ रहे हैं।

क्या है एनामोरफिक स्टाइल

कलाकारी में महारत हासिल कर चुके जितेंद्र बताते हैं कि एक्रेलिक शीट पर कलाकृति को तैयार करने के लिए छोटे-छोटे टुकड़ों में बेस तैयार किया जाता है। फिर नायलॉन के धागों की मदद से बारीक कारीगरी करते हुए लटकाया जाता है। कई कारीगर मिलकर इसे बारीकी से तैयार करते हैं। 3डी इफेक्ट आभास कराता हुआ म्यूरल तैयार किया जाता है, जिसे अलग-अलग एंगल से देखने पर अलग-अलग कलाकृति दिखाई देती हंै।

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