बड़ी खबर

लेह में देश का सबसे ऊंचे मौसम केन्द्र की हुई शुरुआत

नई दिल्ली। केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मंगलवार को लेह में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मौसम केन्द्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर लद्दाख के उप-राज्यपाल आर.के. माथुर, लद्दाख से लोकसभा सदस्य जे.टी. नामग्याल वर्चुअल माध्यम से उपस्थित हुए जबकि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. राजीवन, मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. विपिन चंद्रा, भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. एम. महापात्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

लेह में मौसम केन्द्र स्थापित करने की आवश्यकता बताते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि लद्दाख क्षेत्र में ऊंचे पहाड़ हैं,जहां कोई वनस्पति नहीं है और बहुत अधिक ढीली मिट्टी क्षेत्र को विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं जैसे बादल फटना, अचानक बाढ़ आना,हिम शिलाओं का गिरना और ग्लेशियल लेक के फटने आदि की संभावना बनी रहती है। भविष्य में ऐसे मौसम के कारण होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सरकार ने लेह में 2020 में अति-उन्नत मौसम केन्द्र बनाने की आवश्यकता महसूस की, ताकि मौसम से जुड़ी पूर्व चेतावनी प्रणाली को लद्दाख में मजबूत बनाया जा सके। 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लेह का मौसम केन्द्र इतिहास बना रहा है, क्योंकि यह भारत में सबसे ऊंचाई पर स्थित मौसम केन्द्र बन गया है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि लद्दाख की जनता और प्रशासन को मदद देने के लिए भारतीय मौसम विज्ञान आने वाले तीन दिन,12 दिन और एक महीने की अवधि के लिए मौसम के पूर्वानुमान की सेवाएं प्रतिदिन प्रदान करेगा। इसके अलावा महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों जैसे कि नुबरा चंगथांग, पेंगांग झील, जन्सकर, करगिल, द्रास, धा-बैमा, खालसी आदि के लिए मौसम का पूर्वानुमान प्रदान करेगा। यह केन्द्र राजमार्गों पर पूर्वानुमान, पर्वतारोहन के लिए पूर्वानुमान, ट्रैकिंग, कृषि, अचानक बाढ़ की चेतावनी, न्यूनतम और अधिकतम तापमान से संबंधित महत्वपूर्ण सेवाएं भी प्रदान करेगा।

डॉ. हर्षवर्धन ने भरोसा दिलाया कि सरकार लद्दाख के लोगों और प्रशासन को बेहतर संभव मौसम सेवाएं प्रदान करने के प्रयास करेगा और लद्दाख को खतरनाक मौसम से सुरक्षित बनाएगा। यह मौसम केन्द्र अति उच्च मौसम विज्ञान से संबंधित विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगा और लद्दाख के प्रशासन और लोगों के लिए विभिन्न प्रकार की मौसम और जलवायु से संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा।
लद्दाख के उप-राज्यपाल राधा कृष्ण माथुर ने विभिन्न जलवायु के मद्देनजर सूक्ष्म जलवायु पूर्वानुमान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्थानीय स्तर पर मौसम की सूचना के महत्व को उजागर किया और सभी पक्षों के लिए मौसम ऐप विकसित करने की आवश्यकता बताई। मंत्रालय के सचिव डॉ. राजीवन ने कहा कि उनका मंत्रालय हर प्रकार की तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग भारतीय मौसम विज्ञान और लेह मौसम केन्द्र को प्रदान करेगा। एजेंसी

Share:

Next Post

दामाद ने चाचा ससुर की कुल्हाड़ी से काटी गर्दन

Tue Dec 29 , 2020
जबलपुर । चरगवां थानांतर्गत ग्राम हीरापुर में मंगलवार की सुबह पत्नी से हुए विवाद पर दामाद ने चाचा ससुर की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या कर दिया, वहीं चचेरे साले व उसकी पत्नी के ऊपर जानलेवा हमला कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया, मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए मेडिकल […]