आचंलिक

भाजपा की परिषद अध्यक्ष आशा मालवीय से माकड़ोन वासियों को विकास की आशा

  • बिगड़ा हुआ ढर्रा क्या सुधर पाएगा आने वाला वक्त बताएगा

माकड़ोन। नगर सरकार के चुनाव में कांग्रेस को दर किनार करते हुए भाजपा को जनता ने जनादेश देकर अपना विश्वास जता दिया है। अब भाजपा और उसके चुने हुए जनप्रतिनिधियों के हाथों में माकड़ोन नगर परिषद को सुशासन की ओर ले जाने की चुनौती आन खड़ी है। अध्यक्ष पद पर भाजपा की आशा गोकुल मालवीय पदासीन हो गई है तो वहीं उपाध्यक्ष पद पर भाजपा के ही कारण गुर्जर निर्विरोध चुने जा चुके हैं। उज्जैन जिले की नगर परिषद माकड़ोन हमेशा सुर्खियों में रहती आई है, अब तक यहाँ एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा को मौका मिला है। कहने को तो यह नगर परिषद कहलाती है लेकिन यहाँ का प्रशासनिक ढर्रा येन केन प्रकारेण सदैव चर्चित रहा है।

बाबू के भरोसे रहती आई है, कुशल प्रशासक नहीं मिले
इसे माकड़ोन नगर परिषद की विडंबना कहे या फिर राजनीतिक असफलता कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही दलों के नेता यहां की कमान कुशल प्रशासक, अधिकारी को नहीं सौंप पाए है। परिषद सीएमओ का पद प्रभारी के भरोसे रहता आया है। कभी राजस्व के अधिकारियों को कमान मिलती रही तो कभी नगरीय प्रशासन विभाग के बाबू स्तर के अधिकारियों के पास सीएमओ का दायित्व रहता आया है। पूर्ण कालिक सीएमओ लम्बे समय नहीं मिल पाए है। इस मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के नेता पस्त होते आए हैं।

मूलभूत इंतजामों का खाका ठीक ठाक, कोई मास्टर प्लान नहीं
नगर में मूलभूत इंतजामों पानी, स्वच्छता, प्रकाश, सड़क का खाका भी बेहतर तो नहीं लेकिन ठीक-ठाक कहा जा सकता है। इसके अलावा माकड़ोन नगर परिषद में भविष्य के लिहाज से विकास की बड़ी योजना या मास्टर प्लान तैयार नहीं हो पाया है। कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही दलों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। नतीजतन, राजनीतिक नेताओं का प्रश्रय समुचित विकास और शासन प्रशासन में आड़े आता रहा है।


वल्लभ भवन तक आवाज नहीं जाती, कई काम बरसों से अटके
यूं तो भाजपा और कांग्रेस में स्थानीय नेताओं की भरमार है लेकिन शासन प्रशासन के मुख्यालय वल्लभ भवन भोपाल तक समस्याओं को लेकर संघर्ष करने वाला कोई नेता नहीं है। बात की जाए तो माकड़ोन के शासकीय अस्पताल का मामला हो या तहसील की बदहाली किसी से छुपी नहीं है। इसके अलावा माकड़ोन की कृषि उपज मंडी तगड़ा राजस्व देने के बावजूद भी आज तक स्वतंत्र अनाज मंडी न होकर उप मंडी ही कहलाती है।

कांग्रेस के बाद अब भाजपा से लगी तरक्की की उम्मीद
कांग्रेस तो नगर सरकार में सत्ता से बाहर हो गई, अब भाजपा से तरक्की और विकास की उम्मीद माकड़ोन वासियों को लगी है। प्रदेश में भी भाजपा शिवराज मामा के नेतृत्व में काबिज हैं तो चोपाल से भोपाल का संयोग भी बन रहा है। भाजपा के नेता चाहे तो अपनी इच्छा शक्ति से माकड़ोन का विकास कर सकती है जिसका फायदा विधानसभा ओर लोकसभा में पार्टी को मिल सकता है।

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