उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

साल दर साल घट रहे मलेरिया के मरीज

  • इस वर्ष 11 माह में डेंगू का एक भी मामला सामने नहीं आया-निजी अस्पतालों को भी देनी पड़ रही रेग्युलर जांच रिपोर्ट

उज्जैन। जिले में पिछले साढ़े 6 सालों में मलेरिया के मामलों में लगातार गिरावट आई है। हालांकि पिछले साल डेंगू ने जिले में महामारी का रूप ले लिया था। अच्छी बात यह है कि इस साल अब तक के 11 महीनों में डेंगू का एक भी नया केस जिले में नहीं मिला है।
उल्लेखनीय है कि साल 2021 के जून महीने के शुरुआती दो हफ्ते तक मलेरिया का एक भी पॉजीटिव मरीज नहीं मिला था लेकिन तीसरे हफ्ते की शुरुआत में मलेरिया के दो पॉजीटिव मरीज मिल चुके थे। उसी दौरान लोगों को टायफाइड के साथ-साथ डेंगू ने भी घेर लिया था। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले साल 15 जून तक पूरे जिले में मलेरिया की जाँच के लिए एक लाख से ज्यादा नमूने जाँचे थे लेकिन इस अवधि तक मलेरिया का एक भी केस नहीं मिला था लेकिन इसके बाद दो नए पॉजीटिव मामले सामने आए थे जिसमें उज्जैन के नानाखेड़ा क्षेत्र की एक छात्रा तथा तराना निवासी 16 वर्षीय एक किशोर पॉजीटिव पाए गए थे। इसके बाद 10 जून से विभाग द्वारा पूरे जिले में मलेरिया के प्रति जागरूकता अभियान शुरु कर दिया गया था और शहर के साथ-साथ तहसीलों में भी मलेरिया के प्रति जागरूक करने वाले रथ घूमने लगा था।


साढ़े 6 साल पहले 300 पार, इस साल एक भी केस नहीं
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आर.एस. जाटव ने बताया कि शासन ने जिले से 2030 तक मलेरिया को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य दिया है लेकिन पिछले साढ़े 6 सालों में जिले में मलेरिया के मामलों में करीब 97 प्रतिशत गिरावट आई है। 2016 में जिले में 303, 2017 में 208, 2018 में 53 और 2019 में 27 मलेरिया के पॉजीटिव केस मिले थे, वहीं साल 2020 में यह आंकड़ा 8 तथा गत वर्ष 2021 में भी सरकारी रिकार्ड में मलेरिया के कुल 5 मामले सामने आए थे। कुल मिलाकर वर्ष 2016-17 में 68.64, 2017-18 में 25.48, 2018-19 में 50.94 और 2019-20 में 29.62 प्रतिशत मलेरिया का संक्रमण घटा है। वहीं इस साल 11 महीने में डेंगू और मलेरिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है। उम्मीद है कि 2025 तक जिले से पूरी तरह मलेरिया को समाप्त कर दिया जाएगा।

रोज मंगाई जा रही जानकारी
डॉ. जाटव के मुताबिक जिले को इस साल डेंगू, मलेरिया और चिकन गुनिया की तत्काल पहचान तथा बीमारी पर नियंत्रण के लिए 2 लाख 14 हजार 479 संदिग्ध मरीजों की जांच का लक्ष्य दिया गया था, परंतु विभाग ने इस वर्ष लक्ष्य से 14 प्रतिशत अधिक 2 लाख 45 हजार 270 नमूनों की जांच की। अच्छी बात यह रही कि इनमें किसी भी मरीज में डेंगू, मलेरिया या चिकन गुनिया के लक्षण नहीं मिले। साल की शुरूआत से अब तक उज्जैन जिला डेंगू मुक्त रहा है। निजी अस्पतालों से भी विभाग रोजाना जांच रिपोर्ट मंगवा रहा है।

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