- पहले आठ से दस टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में कार्रवाई करने निकलती थीं, लेकिन अब व्यवस्था उपयंत्रियों और सहायक यंत्रियों के अधीन
इन्दौर। हर बार गर्मी में नगर निगम की टीमें गली-मोहल्लों में नलों में डायरेक्ट मोटर लगाकर पानी खींचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती थीं, लेकिन इस बार यह अभियान पूरी तरह बंद पड़ा है। इसके चलते कालोनियों में पानी को लेकर किल्लत मची हुई है। पिछले साल तक करीब 25 से 30 कर्मचारियों की टीमें अलग-अलग वार्डों में दौड़ाई जाती थीं, जो पानी खींचने वालों को पकड़ती थीं, लेकिन अब कागजों पर ही कार्रवाई हो रही है।
हर बार गर्मी में जलसंकट से निपटने के लिए टैंकर तो दौड़ाए जाते हैं, उसके बावजूद कई वार्डों में जलसंकट के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। एरोड्रम से लेकर अन्नपूर्णा और विजयनगर से लेकर अन्य कालोनियों में जलसंकट की शिकायतें आ रही हैं। मध्य क्षेत्र के इलाकों में भी जलसंकट से लोग परेशान हैं और वहां सबसे ज्यादा परेशानी यह है कि लोग नलों में डायरेक्ट मोटर लगाकर पानी खींचते हैं, जिसके कारण अन्य लोगों को पानी नहीं मिल पाता है। इसकी शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
पहले गर्मी के दौरान नगर निगम की आठ से दस टीमें शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर कार्रवाई शुरू करती थीं और जलप्रदाय के समय सुबह-सुबह मोटर जब्ती की कार्रवाई करती थीं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से सारा मामला झोनलों पर उपयंत्रियों और सहायक यंत्रियों के अधीन कर दिया गया, जिसके कारण इस व्यवस्था में गड़बडिय़ां शुरू हो गई हैं। अब झोनलों से सहायक यंत्री और उपयंत्री जिन शिकायत वाले स्थानों पर जानकारी देते हैं, टीमें वहीं जाकर कार्रवाई करती हैं, जबकि पहले पूरी टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में अपने स्तर पर कार्रवाई कर मोटर जब्ती करती रही हैं और ऐसे लोगों पर तगड़ा जुर्माना कर मोटरें छोड़ी जाती थीं, लेकिन कई दिनों से यह कार्रवाई बंद है।
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