मध्‍यप्रदेश राजनीति

MP में न चीते सुरक्षित हैं, न महिलाएं और न ही आदिवासी : कमलनाथ

भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने बुधवार को कहा कि बीजेपी शासित मध्यप्रदेश (BJP ruled Madhya Pradesh) में न तो चीते, न महिलाएं और न ही आदिवासी समुदाय (tribal community) के लोग सुरक्षित हैं. कुनो नेशनल पार्क (केएनपी) में हाल ही में स्थानांतरित चीते की मौत के बारे में पूछे जाने पर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हर क्षेत्र में अराजकता है. यहां न तो चीते सुरक्षित हैं, न महिलाएं और न ही आदिवासी समुदाय. केवल ठेकेदार और भ्रष्टाचारी सुरक्षित हैं.’’

कमलनाथ ने कहा, ‘चाहे चीतों का मुद्दा हो या आदिवासियों का, (सुरक्षा की) उचित व्यवस्था कहां है. यह देखकर बहुत दुख होता है कि मध्यप्रदेश को किस दिशा में घसीटा जा रहा है.’ मंगलवार को एक और चीते तेजस की मौत के साथ मार्च के बाद से केएनपी में मरने वाले चीतों की संख्या बढ़कर सात हो गई है, जो सितंबर 2022 में शुरू किए गए चीता पुनरुद्धार कार्यक्रम के लिए एक झटका है. कमलनाथ ने कहा कि आदिवासी अत्याचार पर जो मसला हमने उठाया है हम सब विधायक मिलकर इस पर तय करेंगे. उन्होंने कहा कि कल भी एक आदिवासी महिला के साथ एक घटना हुई है. रोज कोई न कोई घटना होती है. उन्होंने कहा कि ऐसी भी घटनाएं होती है जो सामने नहीं आती.


कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को एक और नर चीते की मौत हो गई. नर चीता तेजस ने दम तोड़ा है. मॉनिटरिंग टीम को तेजस घायल अवस्था में मिला था. टीम द्वाराचीते का इलाज किया गया था, लेकिन फिर भी चीते की जान नहीं बच सकी. बताया जा रहा है कि नर चीता घंटों तक बेहोश रहा था. तेजस की मौत के बाद अब तक कूनो नेशनल पार्क में 4 चीते और 3 शावकों की मौत हो चुकी है.बता दें कि चीता तेजस उन चीतों में शामिल है, जिन्हें साउथ अफ्रीका से लाया गया था. वहीं आदिवासी युवक पर पेशाबकांड की घटना तो पहले ही सुर्खियां बटोर रही है. इसे लेकर विपक्ष पहले ही सरकार पर हमलावर है. हालांकि इसमें पीड़ित युवक को सीएम हाउस बुलाकर सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा सम्मान भी किया गया है.

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