भोपाल। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाएं एक मार्च से आयोजित किए जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग एक नई पहल करने जा रहा है। इस बार बोर्ड परीक्षा से पहले सी, डी व ई ग्रेड लाने वाले कमजोर विद्यार्थियों को चिन्हित कर उनकी विशेष तैयारी कराई जाएगी। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विधार्थियों में पीयर लर्निंग की भावना विकसित करने के लिए किया जा रहा है। इसके लिए विधार्थी आपस में उत्तर पुस्तिकाओं को बदलेंगे और एक दूसरे के माडल उत्तर को जानेंगे। एक-दूसरे के उत्तर को देखकर विद्यार्थी परीक्षा में बेहतर तरीके से विषय वस्तु की प्रस्तुत के संबंध में जान सकेंगे। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) ने आदेश जारी कर सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देशित किया कि बोर्ड का रिजल्ट बेहतर करने के लिए विशेष तैयारी कराई जाए।इसके लिए समय-सारिणी भी जारी की गई है। प्राचार्यों के लागइन पर सभी विषयों के आदर्श प्रश्न पत्र 27 जनवरी तक भेजा जाएगा। इसके बाद स्कूलों में 30 जनवरी से 11 फरवरी तक यह अभ्यास कार्य कराया जाएगा।
प्रतिदिन डीईओ करेंगे 10 स्कूलों का निरीक्षण
जिला शिक्षा अधिकारी(डीईओ)ने अपने जिले के किसी भी दस स्कूलों के अभ्यास कार्यक्रम कर निरीक्षण कर प्रतिवेदन विभाग के लागइन आईडी पर भेजें। इस दौरान सभी कक्षाएं नियमित रूप से पहले की समय-सारिणी के अनुसार चलाई जाएं और पूर्व अभ्यास के आधार पर जो विद्यार्थी जिन विषय बिंदुओं में कमजोर हैं, उन्हें उनकी तैयारी कराई जाए।
रैंडम सैंपलिंग की जाएगी
प्रत्येक विषय शिक्षक एवं सभी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे और प्राचार्य न्यूनतम 10 प्रतिशत मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं का रैंडम सैंपलिंग के आधार पर जांच करेंगे।इस अभ्यास के आधार पर जो विद्यार्थी जिन विषय बिंदुओं में कमजोर हैं।
उन्हें उनकी तैयारी कराई जाए।
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