भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

अब शेजवार और सिकरवार को भाजपा से निष्कासन की तैयारी!

  • पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर थमाया शोकॉज नोटिस

भोपाल। प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू होते ही भाजपा ने भितरघात करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की शुरू कर दी है। प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के निर्देश पर पार्टी ने पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार एवं उनके बेटे मुदित शेजवार को शोकॉज नोटिस थमाया है। जवाब के लिए सात दिन का समय दिया है। इसके बाद निष्कासन की कार्रवाई हो सकती है। इससे पहले पार्टी ने पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार एवं उनके बेटे पूर्व विधायक नीटू सिकरवार को नोटिस भेजा था। इन्हें भी पार्टी से बाहर करने की तैयारी हो चुकी है। भाजपा ने पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार और उनके बेटे मुदित शेजवार पर ये कार्रवाई उपचुनाव के मतदान के अगले ही दिन पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते की गई है। उन्हें सात दिन में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को अपना स्पष्टीकरण देना होगा। प्रदेश भाजपा कार्यालय मंत्री सत्येन्द्र भूषण की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि ‘सांची उपचुनाव के अधिकृत प्रत्याशी प्रभुराम चौधरी के खिलाफ निरंतर पार्टी विरोधी गतिविधियों की गईं, जिसकी शिकायतें प्रदेश संगठन को मिलती रहीं। इससे पार्टी की छवि धूमिल हुई। ये कृत्य घोर अनुशासनहीनता की परिधि में आता है। इसलिए प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के समक्ष 7 दिन के अंदर अपना स्पष्टीकरण दें, वरना अनुशासात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इन्हें भी बाहर करेंगे
इसके साथ ही भाजपा ने ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस प्रत्याशी सतीश सिकरवार के पिता व पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार और उनके बेटे सत्यपाल सिकरवार को भी दिया कारण बताओ नोटिस भेजा है। उन्हें भाजपा की तरफ से ग्वालियर पूर्व सीट पर चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी गई थी, वह दोनों ही चुनाव प्रचार के लिए नहीं निकले थे। पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता माना है। पार्टी ने मतदान से पांच दिन पहले दोनों को प्रचार के लिए अनूपपुर और मंधाता भेजा था, लेकिन वे वहां
नहीं पहुंचे।

मतदान से पहले थी निष्कासन की तैयारी
मप्र भाजपा सूत्रों के अनुसान शेजवार विधानसभा उपचुनाव में शुरू से ही भाजपा प्रत्याशी प्रभूराम चौधरी के खिलाफ काम कर रहे हैं। वे मतदान से एक हफ्ते पहले तक पार्टी के प्रचार में नहीं निकले थे। इसके बाद पार्टी ने शेजवार और उनके बेटे को भोपाल तलब किया। दिन भर की चर्चा के बाद शेजवार सांची वापस पहुंचे तो उन्होंने पार्टी का प्रचार शुरू किया। हालांकि इस दौरान भी वे पार्टी के निशाने पर थे। यही वजह है कि उपचुनाव के लिए मतदान से पहले ही उन्हें निष्कासित करने की तैयारी थी, लेकिन मतदान की वजह से पार्टी ने इस फैसले को टाल दिया था। हालांकि मतदान से पहले शेजवार एवं उनके बेटे पर कार्रवाई को लेकर एक पत्र भी वायरल हुआ था, इस पत्र को मप्र भाजपा ने फर्जी करार दिया था। जिस तरह से भाजपा ने शेजवार पर कार्रवाई की है, उससे यह तय हो गया है कि भाजपा ने शेजवार को पहले ही बाहर करने की तैयारी कर ली थी।

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