इंदौर न्यूज़ (Indore News)

एमआर-9 में बाधक 27 मकानों को हटाएंगे, चौराहा होगा विकसित


योजना 134 में 38 फ्लैटों के ओल्ड एज होम का निर्माण भी शुरू, महालक्ष्मी रोड में बाधक बिजली के खम्भे हटवाने में ढीलपोल भी उजागर
इंदौर। अधूरे एमआर-9 (MR-9) को पूरा करने की मशक्कत लम्बे समय से चल रही है, मगर आरई-2 के अलाइनमेंट के कारण अब इसका निर्माण जरूरी हो गया है। रोबोट चौराहा से खजराना बायपास तक के अधूरे एमआर-9 को पूरा करने के लिए बाधक 27 मकानों को हटाना पड़ेगा। दूसरी तरफ महालक्ष्मी नगर से तुलसी नगर पुलिया तक प्राधिकरण द्वारा बनाई जा रही सडक़ में बिजली के खम्भे बाधक बने हुए हैं जिन्हें हटवाने में ढिलपोल बरती जा रही है। वहीं यहां चौराहा का विकास भी शुरू किया जा रहा है, जहां पर रोजाना यातायात जाम होता है। योजना 134 में बनाए जाने वाले ओल्ड एज होम का भी काम प्राधिकरण ने शुरू करवा दिया है, जहां पर 38 फ्लेट निर्मित किए जा रहे हैं। वहीं यहां तक बनने वाली सडक़ के फिर से टेंडर भी प्राधिकरण बुलवा रहा है।


सालों पहले इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) ने 12 एमआर घोषित किए थे, जिनमें से अधिकांश अधूरे या शुरू ही नहीं हुए। इनमें एक एमआर-9 भी प्रमुख है, जिसके दोनों तरफ बड़ी संख्या में अतिक्रमण और अन्य निर्माण मौजूद हैं। अभी आरई-2 का निर्माण निगम और प्राधिकरण मिलकर कर रहे हैं, जिसमें निगम द्वारा बेटरमेंट चार्ज भी लिया जा रहा है। आरई-2 से जोडऩे के लिए ही एमआर-9 का भी पूरा होना जरूरी है, जिसके चलते पिछले दिनों इसका एलाइनमेंट और एनसीपी से सीमांकन भी कराया गया। लगभग 3 किलोमीटर लम्बी, 40 मीटर चौड़ी सडक़ निर्मित होना है। एबी रोड पर बीआरटीएस कॉरिडोर के चंद्रनगर चौराहा से लेकर बर्फानी धाम और वहां से रोबोट चौराहा तक तो एमआर-9 का निर्माण हो चुका है, मगर उसके आगे खजराना और फिर वहां से बायपास तक की सडक़ बची हुई है। पूर्व में खजराना के पार्षदों ने भी होने वाली तोडफ़ोड़ पर विरोध दर्ज किया था, जिसके चलते एमआर-9 का अधूरा हिस्सा पूरा ही नहीं हो सका। वैसे तो बड़ी संख्या में अवैध निर्माण-अतिक्रमण हटाना पड़ेंगे। मगर अभी प्राधिकरण ने 27 ऐसे मकानों को चिन्हित किया है जिन्हें हटाने के बाद सडक़ का काम शुरू किया जा सकता है। यहां के लोगों को योजना 134 में जेएनएनयूआरएम के तहत पूर्व में बनाए गए मकानों में शिफ्ट करने का भी प्रस्ताव दिया गया और इन मकानों की हालत भी प्राधिकरण ठीक करवाएगा। मगर यहां वर्षों से काबिज लोग इन मकानों में शिफ्ट नहीं होना चाहते हैं। अब देखना यह है कि इन 27 मकानों की बाधा कब तक निगम और प्राधिकरण मिलकर दूर कर पाते हैं। पिछले दिनों निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने भी रोबोट चौराहा से खजराना बायपास तक निर्मित किए जाने वाले 3 किलोमीटर के हिस्से का मौका मुआयना भी किया था। खजराना बायपास तक अगर रोड बन जाती है तो इससे यातायात तो सुगम होगा ही, वहीं खजराना मंदिर, खजराना दरगाह, खजराना मदरसे की ओर से रिंग रोड तक आने वालों को घूमकर ना आते हुए रिंग रोड रोबोट चौराहा से ही बायपास तक जाना आसान होगा। इससे दूरी के साथ समय की भी बचत होगी। वहीं दूसरी तरफ प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा ने योजना 134 में निर्माणाधीन ओल्ड एज होम प्रोजेक्ट का भी अवलोकन किया। यहां पर सिंगल और डबल बेडरूम के 38 सुविधायुक्त फ्लेट प्राधिकरण निर्मित करवा रहा है, जो अकेले रह रहे बुजुर्गों के लिए उपयोगी साबित होंगे। देश के कई बड़े शहरों में इस तरह ओल्ड एज होम बनाए जाते हैं। दूसरी तरफ प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार ने अधिकारियों के साथ बॉम्बे हॉस्पिटल के सामने महालक्ष्मी नगर से तुलसी नगर तक बन रही सडक़ का अवलोकन किया और इसमें बाधक बिजली के खम्भों को हटवाने के निर्देश अधिनस्थ अधिकारियों को दिए। वहीं आगे की सडक़ के भी फिर से टेंडर बुलाना पड़ेंगे, पिछली बार सिंगल टेंडर मिला था।

 

 

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