सालभर में 35 फीसदी बढ़े खर्चे पर उठे सवाल… बिजली, सुरक्षा, वार्षिक उत्सव सहित कानूनी व्यय में फूंके करोड़ों, घोटाले के आरोप
इन्दौर। शहर की दो अमीरों और रसूखदारों की संस्थाएं हमेशा ही सुर्खियों में रहती है। यशवंत क्लब (Yashwant Club) के साथ डेली कॉलेज (Daily College) भी किसी ना किसी घटना के चलते सुर्खियों में रहता है। अभी उसकी ऑडिट रिपोर्ट (Audit Report) सामने आने पर वार्षिक खर्चे में करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं और ओल्ड डोनर्स एसोसिएशन (Old Donors Association) ने बकायदा मेल और पत्र लिखकर बोर्ड ऑफ गवर्नर (Board of Governors) से जवाब मांगा है। 35 फीसदी खर्च राशि में सालभर में ही इजाफा हो गया। बिजली, सुरक्षा, वार्षिक उत्सव, कानूनी व्यय के साथ-साथ भोजनशाला के खर्च में भी अच्छी-खासी वृद्धि हुई है, जिसके चलते 17 करोड़ का फर्क ऑडिट रिपोर्ट में भी साफ देखा जा सकता है। बोर्ड की बजाय प्रिंसिपल (Principal) के जरिए इन आरोपों के जवाब देने के प्रयास किए गए।
150 साल पुराने डेली कॉलेज, जो की राज-महाराजाओं के महंगे स्कूल के रूप में मशहूर है और मंत्रियों, बड़े नेताओं-अफसरों के साथ-साथ शहर के उद्योगपतियों, रसूखदारों के बच्चे यहां पढ़ते हैं। अभी जो बोर्ड में खर्च का हिसाब-किताब प्रस्तुत हुआ उसके बाद ओल्ड डोनर्स एसोसिएशन, जिसमें पूर्व छात्र शामिल रहते हैं उसके संदीप पारीख ने बढ़े हुए 17 करोड़ के खर्च पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि जब 2021-22 में कोविड के दौरान मात्र 40 दिन स्कूल चला तो उसमें 53 करोड़ का खर्चा कैसे हुआ, जबकि उसके बाद 2022-23 में 220 दिन स्कूल चलने का खर्चा 70 करोड़ रुपए बताया गया है। 35 फीसदी की बढ़ोतरी एक साल में ही होने पर पारीख ने वित्तीय अनियमितताओं की आशंका के चलते जवाब भी मांगा। हालांकि बोर्ड या अन्य जिम्मेदारों ने इसका जवाब नहीं दिया, बल्कि कॉलेज प्रिंसिपल की जानकारी को वायरल किया गया, जिसमें उन्होंने किसी प्रकार की गड़बड़ी ना होने और खर्च बढ़ जाने का हवाला दिया है।150 साल पुराने डेली कॉलेज, जो की राज-महाराजाओं के महंगे स्कूल के रूप में मशहूर है और मंत्रियों, बड़े नेताओं-अफसरों के साथ-साथ शहर के उद्योगपतियों, रसूखदारों के बच्चे यहां पढ़ते हैं। अभी जो बोर्ड में खर्च का हिसाब-किताब प्रस्तुत हुआ उसके बाद ओल्ड डोनर्स एसोसिएशन, जिसमें पूर्व छात्र शामिल रहते हैं उसके संदीप पारीख ने बढ़े हुए 17 करोड़ के खर्च पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि जब 2021-22 में कोविड के दौरान मात्र 40 दिन स्कूल चला तो उसमें 53 करोड़ का खर्चा कैसे हुआ, जबकि उसके बाद 2022-23 में 220 दिन स्कूल चलने का खर्चा 70 करोड़ रुपए बताया गया है। 35 फीसदी की बढ़ोतरी एक साल में ही होने पर श्री पारीख ने वित्तीय अनियमितताओं की आशंका के चलते जवाब भी मांगा। हालांकि बोर्ड या अन्य जिम्मेदारों ने इसका जवाब नहीं दिया, बल्कि कॉलेज प्रिंसिपल की जानकारी को वायरल किया गया, जिसमें उन्होंने किसी प्रकार की गड़बड़ी ना होने और खर्च बढ़ जाने का हवाला दिया है। दूसरी तरफ ओल्ड डेलियंस बैच 86 के और जाने-माने अभिभाषक अजय बागडिय़ा ने भी इन वित्तीय अनियमितताओं और बढ़े खर्च पर गंभीर सवाल उठाते हुए जिम्मेदारों से जवाब मांगे हैं। बागडिय़ा का कहना है कि सालभर में ही बिजली, सुरक्षा, वार्षिक उत्सव, भोजनशाला और कानूनी व्यय में अत्यधिक इजाफा कैसे हो गया..? 40 दिन जब कोविड काल में स्कूल चला तब बिजली का खर्च 1 करोड़ 6 लाख बताया गया और जब अगले साल 220 दिन स्कूल चला तो बिजली का बिल 1 करोड़ 40 लाख आया। यानी कोविड काल में हर रोज का बिजली बिल 2.65 लाख रुपए और स्कूल खुलने पर 63 हजार रुपए प्रतिदिन रहा।
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