इस्लामाबाद (islamabad) । पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (former prime minister imran khan) की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लाहौर स्थित आवास को भी नहीं छोड़ा। पुलिस के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 500 से अधिक समर्थकों ने बुधवार सुबह-सुबह प्रधानमंत्री के मॉडल टाउन स्थित आवास पर पहुंचे और वहां खड़े वाहनों में आग लगा दी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब बदमाशों ने हमला किया तो प्रधानमंत्री आवास पर केवल गार्ड मौजूद थे। उन्होंने वहां एक पुलिस चौकी को भी आग के हवाले कर दिया।
वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) ने बुधवार को रात 10 बजे हिंसा के 31 घंटे बाद देश को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि हम पर जो इल्जाम लगाए, वो साबित नहीं हुए। हमारा 40 साल का रिकॉर्ड खंगाला गया। हमने कानून का सामना करने से इनकार नहीं किया।
उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ 100 से अधिक एनएबी मामलों में कोर्ट में पेश हुए। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना दहशतगर्दी है। इमरान ने कानून की धज्जियां उड़ाई है। इमरान और पीटीआई समर्थकों ने तोड़फोड़ और आगजनी की। इमरान के समर्थकों ने देशवासियों को खतरे में डाला है। दुश्मन की तरह सरकारी संस्थानों पर हमला किया गया। सेना को विशेष अधिकार के तहत उपद्रवियों से निपटने के लिए खुली छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि हिंसा करने वालों पर ऐसी कार्रवाई करेंगे जो नजीर बनेगी।
इमरान पर हमला बोला
शहबाज ने कहा कि सियासत के बदले अंजाम अच्छा नहीं होता। इमरान के समय कई नेता जेल के अंदर थे। उनके शासन में तुरंत गिरफ्तारी हो जाती है तब जुर्म नहीं, चेहरा देखा जाता था। उस समय बदले की कार्रवाई होती थी। विपक्षी नेताओं को फर्जी केसों में जेल भेजा गया। इल्जाम पर ही गिरफ्तारी हो जाती थी।
सेना ने भी दी इमरान के समर्थकों को चेतावनी
पाकिस्तानी फौज ने अपने प्रतिष्ठानों पर हमले को लेकर बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों को कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी। साथ ही कहा कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। सेना की मीडिया शाखा अंतर सेवा जनसंपर्क (आईएसपीआर) ने कहा कि हम किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने देंगे। आईएसपीआर ने कहा कि एक तरफ ये बदमाश अपने सीमित और स्वार्थी उद्देश्यों को हासिल करने के लिए देश की भावनाओं को भड़काते हैं और दूसरी तरफ लोगों को धोखा देते हैं। उसने कहा कि यह पाखंड की एक मिसाल है। सेना की मीडिया इकाई ने कहा कि सियासी चोला पहने इस समूह ने सत्ता की लालसा में वह कर दिखाया है, जो 75 साल में दुश्मन नहीं कर पाए। उसने कहा कि खान की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शनकारियों (protesters) की ओर से सेना की संपत्ति और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की वजह से इतिहास में नौ मई को काले अध्याय के तौर पर याद किया जाएगा।