महिदपुर। महारानी चंद्रावती वाचनालय के तत्वावधान में पं. नागेश्वर शर्मा धतूरा हाल में मकर संक्रांति, लोहड़ी, लाल बहादुर शास्त्री पुण्यतिथि के अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन रखा गया। गोष्ठी के प्रारंभ में मां सरस्वती व महारानी चंद्रावती के चित्रों पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन शिक्षाविद पं.प्रभुदयाल दीक्षित ने किया। इस अवसर पर उपस्थित कवियों का स्वागत संस्था के अध्यक्ष कवि त्रिलोक सोलंकी व संदीप चौहान ने किया। गोष्ठी का आगाज सूत्रधार जैनेंद्र खेमसरा ने कवि विद्रोही से करवाया जिन्होंने राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत रचनाओं का पाठ किया। गीतों, गजलों एवं कविताओं का सिलसिला कवि अशोक पाठक ने प्रारंभ करते हुए अपनी व्यंग्य रचनाओं से कटाक्ष कर सभी को गुदगुदाया। व्यंग्यकार जगदीश ज्वलंत ने सामाजिक व राजनीतिक विसंगतियों पर श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाओं का पाठ कर सम्मोहित किया। राजेश अजनबी (सोयत)ने श्रृंगार रस की कविताओं से माहौल को शायराना कर दिया।
कवि जवाहर डोसी पीयूष ने अपनी पतंग एवं मकर संक्रांति गीत के माध्यम से रचना सुनाकर वाहवाही लूटी। कैलाश मंडोरा ने अपने सुरीले कंठ से राष्ट्रीय रचनाओं का पाठ कर नई उर्जा प्रदान की। मालवी कवि ऋषभ जैन ने अपनी मालवी भाषाओं की कविताओं से सभी को खिलखिलाने के लिए मजबूर कर दिया। नरेंद्र चौधरी ने राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत रचनाएं सुनाकर सभी की राष्ट्र भावना को जागृत करने का काम किया। बाबूलाल आसोडिया ने अपनी कविताओं से नया जोश भरा। संजय जोशी, पत्रकार अरुण बुरड, पारस लुणावत, ओम सोलंकी आदि ने अपने प्रेरक उद्बोधन से सभी को सम्मोहित किया। सूत्रधार खेमसरा ने अपने मुक्तकों और रचनाओं से काव्य गोष्ठी को नई ऊंचाइयाँ की। प्रदर्शन संस्था की ओर से त्रिलोक सोलंकी ने माना।
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