इंदौर न्यूज़ (Indore News)

वात्सल्य योजना में बच्चों के रजिस्ट्रशेन की प्रक्रिया शुरू

बाल कल्याण समिति करेगी जरूरतमंद घोषित, चार हजार रुपए हर माह

कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को मिलेगा बाल आशीर्वाद

इंदौर। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना (Chief Minister Child Blessing Scheme) के अंतर्गत मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी परिवारों के 18 वर्ष से कम उम्र के ऐसे बच्चे जो बीमारी, दुर्घटना या किसी अन्य कारणवश अनाथ हो गए हैं। उन्हें वात्सल्य योजना के तहत चार हजार रुपए प्रतिमाह दिलवाने के लिए मुहिम शुरू हो चुकी है। महिला एवं बालविकास विभाग में आवेदन लिए जा रहे हैं।


माता पिता से दूर हो चुके अनाथ, परित्यक्त बच्चो को अब बाल आशीर्वाद योजना के तहत मुख्यमंत्री का संरक्षण मिलेगा। हालांकि अब तक आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, लेकिन जनसुनवार्ई व कलेक्टर (collector) के समक्ष पहुंच रहे आवेदनों की बढ़ती हुई संख्या को एक बार फिर मुहिम छेड़ी गई है। कलेक्टर के निर्देश पर महिला एवं बालविकास विभाग ने युद्ध स्तर पर प्रक्रिया शुरू की है। रिश्तेदारों के संरक्षण या संरक्षकों की देखरेख में रह रहे बच्चों और कोविड-19 बालसेवा योजना के तहत पात्रता नहीं रखने वाले बच्चो को भी अब इस योजना में शामिल किया जा रहा है। दत्तक ग्रहण, फौस्टरकेयर के लिए अपात्र घोषित किए गए ऐसे बच्चे जो बाल देखरेख संस्था में निवासरत है। उन्हें पात्रता में छूट दी जाएगी। प्राप्त आवेदनों का परीक्षण कर बालकल्याण समिति द्वारा जरूरतमंद घोषित करने के बाद मुख्यमंत्री बालआशीर्वाद योजना पोर्टल पर बच्चों की जानकारी अपडेट की जाएगी।

24 साल की उम्र तक संरक्षण

पोस्टर केयर योजना के अंतर्गत इन बच्चों को आर्थिक सहायता, इन्टरनशिप, व्यवसायिक प्रशिक्षण, शिक्षा हेतु मदद, निश्चित अवधि तक मिलेगी। 24 साल की उम्र तक प्रावधान के अनुसार संरक्षण दिया जाएगा। उक्त योजना के अंतर्गत हर बच्चे को प्रतिमाह चार हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

700 बच्चे इंतजार में

इंदौर जिले में अब तक 700 से अधिक बच्चे वात्सल्य योजना के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। लंबे समय से इन बच्चों को सरकार की योजना के तहत मिलने वाली राशि का इंतजार है। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद कोरोना काल में माता-पिता या किसी एक के भी खो देने के कारण अनाथ हुए थे उनको आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकारी सहायता दिए जाने का ऐलान किया गया था ।पूर्व मैं ऐसे बच्चे जो सामाजिक संस्थाओं एनजीओ द्वारा गोद लिए गए थे महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से उन्हें भी वात्सल्य योजना में शामिल किया गया है हालांकि कोरोना खत्म होने के बाद 1 साल तक सामाजिक संस्थाओं ने इन बच्चों का बीड़ा उठाया लेकिन आप महीनों से दो वक्त की रोटी और पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद को तरस रहे हैं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार आने वाले महीनों में उक्त राशि प्रदाय करने की शुरुआत की जानी है। केंद्र सरकार से मिलने वाले फंड का इंतजार किया जा रहा है ज्ञात हो कि हाल ही में डेढ़ सौ से अधिक विधवा महिलाओं ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया था।

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