इंदौर। दो साल के अंतराल के बाद इस बर रंगपंचमी पर राजबाड़ा इलाके से गेर निकलने (Getting out of Rajbada area) वाली है। लोगों में उत्साह को देखते हुए उम्मीद है कि इस बार बडी संंख्या में लोग गेर में पहुंचेंगे। गेर के दौरान व्यवस्थाएं बनी रहे इसलिए पुलिस ने तैयारी तेज कर दी है। रंगपंचमी पर निकलने वाली रंगारंग गेर को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। आयोजक अपनी तैयारी कर रहे हैं तो लोग अपनी।
इसी तरह से पुलिस-प्रशासन (police administration) अपनी तैयारियों में जुटा है। गेर मार्ग में पड़ने वाले तीन जर्जर मकानों (dilapidated houses) को शनिवार को जमींदोज किया गया। नगर निगम की रिमूवल टीम (Municipal removal team) ने शुक्रवार को पांच मकानों के छज्जे तोड़ थे व अन्य जर्जर मकान चिन्हित किए थे। शनिवार सुबह इन मकानों को तोड़ा गया। खजूरी मार्ग पर कुल 21 भवनों को चिन्हित किया गया है जो खतरनाक है। इन भवनों के सामने निगम द्वारा खतरनाक भवन होने की सूचना भी चस्पा की गई है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि रंगपंचमी पर इस मार्ग पर निकलने वाली गेर के दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहते है। कई बार लोग खतरनाक भवनों के आसपास भी खड़े हो जाते है। ऐसे में गेर में आने वाले लोगों को अर्लट करने के लिए निगम ने खतरनाक भवनों के आगे सूचना चस्पा की जा रही है।
निगम अधिकारियों (corporate officers) के अनुसार खजूरी बाजार क्षेत्र में 600 एमजी रोड खजूरी बाजार पते पर नाथद्वारा ट्रस्ट के बने खतरनाक भवन को तोड़ा गया। इसके अलावा 599 एमजी रोड पर बने रवि कोठारी के मकान को तोड़ा गया। इसके अलावा 427 एमजी रोड पर बने मंजू चंद्रकांता शाह और आनंदीलाल दवे के मिट्टी व लकड़ी से बने मकान जिसमें चाय की दुकान का संचालन हो रहा था उसे तोड़ा गया। इस बार रंगपंचमी पर इंदौर की रौनक लौटेगी। दो साल से जो गेर बंद थी वह इस बार दोगुने उत्साह से निकलेगी। करीब पांच लाख लोगों के इस गेर में शामिल होने के दावे किए जा रहे हैं। आयोजकों के साथ ही पुलिस प्रशासन ने भी तैयारी कर ली है।
गेर के दौरान किसी तरह की गड़बड़ न हो इसके लिए पूरे गेर मार्ग की निगरानी 30 ड्रोन कैमरों से की जाएगी। 200 से ज्यादा सीसीटीवी और 30 वीडियो कैमरे लगाए जाएंगे। तीन हजार से अधिक पुलिस जवान तैनात रहेंगे। बता दें कि कोरोना के कारण पिछले दो सालों से गेर नहीं निकल सकी थी। इस बार मुख्यमंत्री भी इंदौर आकर कह चुके हैं कि उत्साह से गेर निकालो। रंग खेलो। इसके बाद इंदौरियों का उत्साह चरम पर है और गेर की तैयारियां की जाने लगी है। रंगपंचमी पर यह गेर निकाली जाएगी। इंदौर ऐतिहासिक गेर का सालभर से इंतजार किया जाता है। बरसों पुरानी परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। इसमें मिसाइलों, पिचकारी, वाटर टैंकर से 100 से 200 फीट ऊंचाई तक रंगों की बौछार होती है। पूरा आसमान सतरंगी हो जाता है।
इंदौर में आखिरी बार 2019 में गेर निकली थी। 2020 में कोरोना आया और दो साल से गेर नहीं निकल सकी। इस बार 22 मार्च को गेर निकलेगी। इस दिन अलगअलग सामाजिक और धार्मिक संगठन फाग यात्रा निकालेंगे। तोपों से पानी और गुलाल की बौछार की जाएगी। करीब 75 साल से चल समारोह का आयोजन कर रही टोरी कॉर्नर रंग पंचमी महोत्सव समिति के पदाधिकारियों का कहना है दो साल बाद एक बार फिर दोगुने उत्साह के साथ हम गेर निकालने की तैयारी कर रहे हैं। पिछले 68 साल से रंगपंचमी पर गेर निकाल रहे संगम कॉर्नर रंग पंचमी महोत्सव समिति के पदाधिकारियों के अनुसार गेर को जिला प्रशासन ने 2019 में यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल करने का प्रयास किया था, लेकिन कोरोना की वजह ये संभव नहीं हो पाया।
इस बार राजवाड़ा पर गेर का भव्य स्वरूप देखने मिलेगा। हर बार इसमें 2 से 3 लाख लोग शामिल होते थे लेकिन इस बार 5 लाख लोग शामिल होने की उम्मीद है। बताया जाता है कि ये परंपरा होलकर वंश की है। राजघराने के लोग रंगपंचमी पर बैलगाड़ियों में फूलों और हर्बल चीजों से तैयार रंग और गुलाल को रख कर सड़क पर निकल पड़ते थे। जो भी उन्हें रास्ते में मिलता था उनको प्यार से रंग लगा देते थे। लोग पिचकारियों में रंग भर के फेंकते थे। इस परंपरा का उद्देश्य सभी वर्ग के लोगों के साथ मिलकर त्यौहार मनाना था। गेर की परंपरा कभी नहीं रुकी। कोरोना का वजह से गेर की सिलसिला दो साल से टूट गया था जो अब फिर से उत्साह से शुरू होगा।
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