आचंलिक

जेल की सुरक्षा में जिम्मेदार गंभीर नहीं

  • गुना जेल की सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर लापरवाही।
  • कैदी काट रहे घास, पुलिसवाले ले रहे चाय की चुस्कियां।
  • रुपयैं के बल मुलाकात, नामचीन आरक्षक के हाथ बागडोर!

विजय सिंह जाट गुना। जेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही, सुरक्षा में चूक सामने आई है गंभीर मामलों के कुख्यात अपराधी कैदियों से खुला छोड़ कर मैदान में घास कटवाई जा रही है जिम्मेदार सिपाही कैदियों से बहुत दूर सिविल ड्रेस में बैठकर चाय की चुस्कीओं का आनंद ले रहे हैं जेल में मुलाकात करने आने वाले कैदियों के परिजनों से बगैर रुपया की वसूली किए मुलाकात हो जाना लगभग असंभव ही है एक नामचीन आरक्षक के द्वारा जेल की कमान अपने हाथों में ले रखी है। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि 50 से लेकर 500 तक की वसूली कैदियों की मिलाई के नाम पर वसूली जा रही है। रुपयों के बल पर जेल में कैदियों को अनेकों बाहरी सुविधाएं भी मुहैया हो रही हैं।
जेल से छूटकर आए कुछ कैदियों ने अग्निबाण को बताया कि 10 वाला बीड़ी का बंडल जेल में 500 में मिलता है वहीं नशा सामग्री भी अधिक दाम देकर आसानी से उपलब्ध हो जाती है।अच्छा भोजन चाहिए तो महीने का चार्ज अलग से देना पड़ेगा अगर रोटियां भी बढवानी है तो फीस देकर ही आप पेट भर भोजन कर सकते हैं जेल में चल रहे इस गोरखधंधे के संबंध में समाचार पत्रों में अनेकों बार तथ्यात्मक समाचार प्रकाशित हो चुके हैं लेकिन अपनी तगड़ी राजनीतिक पैठ व लेनदेन की प्रथा के चलते जेल प्रशासन पर कार्यवाही ना के बराबर हुई।बताया जाता है कि जेल में पहुंचने वाले कैदियों के साथ रुपया ना देने पर मारपीट धौंस धमकी दी जाती है इस संबंध में अनेकों बार फरियादी खुद न्याय की गुहार शिकायत सौंपकर लगा चुके हैं लेकिन मिलीभगत से चल रहे जेल के इस गोरखधंधे पर लगाम लगा पाना एक मुश्किल काम है।



सरकारी आवास के बाहर घास काट रहे गंभीर मामलों के कैदी
वायरल फोटो गुना जेल परिसर में बने एक प्रहरी के शासकीय आवास के बाहर का है जमीन पर बैठे यह दोनों बंदी कैदी हैं जिनमें से एक आरोपी रमेश पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है और दूसरा कैदी बंटी पर छेड़छाड़ का मामला पंजीबद्ध है। यह शनिवार शाम को यहां घास काट रहे थे जबकि पास में ही प्रहरी मौजूद थे जो ना तो वर्दी में थे और ना ही इनके पास बंदूकें थीं, प्रहरी इन बंदियों की देखरेख करने की बजाय आराम से बैठ कर चाय की चुस्कियां ले रहे थे, हालांकि बंदियों को बाहर लाने के सवाल पर प्रहरी ओपी यादव ने कहा कि गुना जेल के कुछ बंदिओं को काम के लिए मुख्यालय से (पास) स्वीकृत कराया गया है, वहीं जब सुरक्षा का सवाल किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

कलेक्टर बोले कराएंगे मामले की जांच
कलेक्टर फ्रैंक नोबल ए ने कहा कि जेल से लापरवाही पूर्ण तरीके से बंदिओं को जेल से बाहर निकाला जा रहा है तो इस संपूर्ण मामले की इसकी जांच कराएंगे, अगर कोई दोषी होगा तो फिर कार्यवाही होगी।

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