उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

पानी की रोक के बाद गऊघाट से त्रिवेणी तक सर्चिंग

  • आज शिप्रा का एक एमसीएफटी पानी शहर को दिया गया

उज्जैन। गंभीर में पानी अब अंतिम समय का बचा है ऐसे में शिप्रा नदी से पानी लेने की तैयारी हो गई है तथा आज एक एमसीएफटी पानी शिप्रा का लिया गया। अवर्षा ने चिंता पैदा कर दी है तथा जून-जुलाई में पानी नहीं गिरा है।
आज से जल प्रदाय में शिप्रा का पानी लेना शुरू भी कर दिया गया है। शहर के जल प्रदाय का एकमात्र साधन गंभीर डेम अब रीतने लगा है। डेम में मात्र 139 एमसीएफटी पानी बचा है इसमें से 100 एमसीएफटी डेड स्टोरेज का निकाल दिया जाए तो मात्र 39 एमसीएफटी पानी शेष है, इसे भी नालियाँ खोदकर इंटकवेल तक लाया जा रहा है। प्रतिदिन 6 से 7 एमसीएफटी पानी जल प्रदाय में खर्च होता है। इस मान से अब छह-सात दिन का पानी ही शेष बचा है। ऐसे में अब पीएचई ने आज से गऊघाट से पानी लेना शुरू कर दिया है। आज 1 एमसीएफटी पानी जल प्रदाय के लिए लिया गया है। पीएचई के इंजीनियरों का कहना है कि गऊघाट से त्रिवेणी तक करीब 50 एमसीएफटी पानी अभी नदी में भरा हुआ है जिसका उपयोग जल प्रदाय में किया जा सकता है। यदि बारिश में खेंच भी रही तो 14-15 दिन तक शहर को पानी पिलाया जा सकता है और 2 दिन छोड़कर पानी दिया जाए तो 1 महीना भी निकाला जा सकता है। बारिश की खेंच के चलते गंभीर डेम पर ट्रेच खोदकर पानी इंटकवेल तक लाने का काम भी जारी है। कुल मिलाकर अभी शिप्रा और गंभीर के पानी से एक महीना निकाला जा सकता है। वैसे मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस महीने 10 जून के बाद अच्छी बारिश हो सकती है।

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