क्राइम जबलपुर न्यूज़ (Jabalpur News) मध्‍यप्रदेश

दुष्कृत्य-छेड़छाड़ की झूठी शिकायत करने वालों पर गिरी गाज

बैतूल । झूठी दुष्कृत्य सहित छेड़छाड़ की रिपोर्ट (Report of molestation including misconduct) लिखाने वाले मामले में अब बैतूल पुलिस ने सख्त रवैया अपनाना प्रारंभ कर दिया है। पुलिस ने ऐसे 11 मामलों में 22 के खिलाफ  न्यायालय में परिवाद पेश किया है। पुलिस के संज्ञान में आया है कि बलात्कार और छेड़छाड़ जैसे मामलों में एफआईआर (FIR) कराने के बाद पीडि़ताओं के अदालत में बदल जाने पर पुलिस ने ऐसे 11 मामलों में एफआईआर करने वाली पीडि़ता और गवाहों के खिलाफ बैतूल कोर्ट में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने का मामला दर्ज कराया है।



पहली बार गंभीर हुई पुलिस
अक्सर देखा जाता है कि महिला द्वारा किसी भी अपराध की रिपोर्ट दर्ज कराते हुए पुलिस महकमा सहित समाज सक्रिय हो जाता है और जिसके खिलाफ शिकायत की गई है उसे तत्काल प्रभाव से आरोपी बना दिया जाता है। ऐसे मामलों में आरोपी बनाए गए व्यक्ति की कहीं भी कोई सुनवाई नहीं होती है। बैतूल पुलिस ने पहली मर्तबा ऐसे मामलों में संज्ञान लेकर झूठी दुष्कृत्य सहित छेड़छाड़ की शिकायत करने वाली महिलाओं और गवाहों के खिलाफ न्यायालय में परिवार पेश किया है।
न्यायालय से दोषमुक्त हो जाते हैं आरोपी
इसकी पुष्टि करते हुए महिला सेल में डीएसपी पल्लवी गौर ने बताया कि बैतूल जिले में महिला संबंधी अपराधों विशेषकर बलात्कार के प्रकरणों में न्यायालय द्वारा निर्णय में आरोपियों की दोषमुक्ति के बढ़ते प्रकरणों को दृष्टिगत रखते हुए एसपी सिमाला प्रसाद द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बैतूल नीरज सोनी के नेतृत्व में न्यायालय निर्णयों की समीक्षा और दोषमुक्ति के कारणों को जानने के लिए एक टीम का गठन किया गया है।
रिपोर्ट से ही पलट गए फरियादी-गवाह
गठित टीम द्वारा न्यायालय निर्णयों की समीक्षा के बाद दोषमुक्ति का कारण चौंकाने वाला पाया गया है। ऐसे कुल 32 प्रकरणों में से 11 प्रकरण ऐसे हैं, जिसमें रिपोर्टकर्ता स्वयं न्यायालय के समक्ष पक्ष विरोधी हुए हैं। अर्थात् पुलिस के समक्ष लिखवाई गई रिपोर्ट से पलट गए हैं। ऐसे कुल 11 प्रकरणों में जिनमें थाना चिचोली के 3, थाना गंज 1, कोतवाली 1, वीजादेही 1, चोपना 1, शाहपुर 1, आमला 2, बोरदेही 1 में एवं रिपोर्टकर्ता व साक्षियों के विरुद्ध कुल 22 लोगों पर धारा 182 , 211 भादवि के तहत न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया गया है। पुलिस ऐसे लोगों को सजा दिलाने की तैयारी कर रही है। विदित है कि इन धाराओं में 3 साल की सजा का प्रावधान है।

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