पटना। राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिवसेना और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जैसी पार्टियां सत्ता के लिए अपना जमीर बेच चुकी हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि विपक्ष के पास किसान हितैषी तीनों कृषि कानूनों के विरुद्ध बोलने के लिए कोई तथ्य या तर्क नहीं है, इसलिए वे 60 दिनों में भी देश को नहीं बता पाये कि इन कानूनों में काला क्या है। वे जनता का भरोसा नहीं जीत पाये, इसलिए भारत बंद, मानव श्रृंखला के बाद उनका तीसरा कार्यक्रम ” चक्का जाम ” भी फ्लॉप रहा। बिहार में न सडकों पर वाहनों के चक्के जाम हुए, न विकास का पहिया कहीं थमा।
उन्होंने कहा कि देशविरोधी ताकतों की फंडिंग से किसानों के नाम पर चलने वाले जिस आंदोलन के संदर्भ में अत्यंत मर्यादित विचार प्रकट करने पर भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दल जिन दो भारत रत्नों पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं, वे दोनों (लता मंगेशकर, सचिन तेंदुलकर) मराठी हैं, लेकिन शिवसेना को इसमें मराठी और भारतीय अस्मिता पर किसी आघात की रंचमात्र भी अनुभूति नहीं होती। बिहार के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मत्यु के बाद कंगना रानौत के बयान से जिनका प्रादेशिक गौरव आहत हो रहा था, वे भारत रत्न की छवि धूमिल करने वालों के सुर में सुर क्यों मिला रहे हैं। कांग्रेस की सहायता से बिहार में सरकार चलाने वाले लालू प्रसाद और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की पार्टियां अपना जमीर बेच चुकी हैं।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि बिहार सहित पूरे देश के किसानों ने फसलों पर दो गुना एमएसपी, स्वायल हेल्थकार्ड, उर्वरक की उपलब्धता और सालाना 6 हजार रुपये की सम्मान निधि देने वाले प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा कायम रखा। विदेशों में छुट्टी मनाने के बहाने राहुल गांधी जिन भारत विरोधी हस्तियों की संगत करते हैं, उनके हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने वाले अनर्गल बयानों से किसानों को भड़काया या भरमाया नहीं जा सकता। (एजेंसी, हि.स.)
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