जीवनशैली स्‍वास्‍थ्‍य

गर्मियों में कम समय वजन घटाने में मददगार है सकतें है ये प्रोट्रीन शेक, जानें बनाने का तरीका

वजन कम करने के लिए खाने पर कंट्रोल करना बहुत जरूरी होता है लेकिन ये तभी पॉसिबल होता है जब आपका पेट भरा रहे। लेकिन पेट भरे होने से मतलब ये कतई नहीं है कि आप एक ही बार में जम कर खा लें। इसका मतलब है कि कुछ ऐसा हेल्दी खाएं जो बॉडी के लिए तो सही हो ही साथ ही लंबे समय तक पेट भी भरा रहें जिससे ओवरइटिंग (Oversighting)से बचेंगे और जब ओवरइटिंग कंट्रोल हो जाएगी तो जाहिर सी बात है वजन और पेट कम होगा ही। तो ऐसे में प्रोटीन शेक एक बढ़िया ऑप्शन हैं। तो आज हम कुछ ऐसे ही प्रोटीन शेक्स (Protein shakes) को बनाने का तरीका जानेंगे।

पीनट बटर-बनाना प्रोटीन शेक
ब्लेंडर में 2 केले, 2 टेबलस्पून पीनट बटर, 2 कप योगर्ट, 100 मिली. दूध, 1 टेबलस्पून सब्ज़ा और आधा टीस्पून कोको पाउडर मिलाकर ब्लेंड कर लें।

चॉकलेट प्रोटीन शेक
इसे बनाने के लिए 1 सेब, 1 टेबलस्पून ऑल्मंड बटर, 1-1 टेबलस्पून डार्क चॉकलेट (कद्दूकस की हुई) और कोको पाउडर, 1 कप दूध, आधा कप दही, 2 खजूर (बीज निकाले हुए) को मिलाकर ब्लेंड कर लें।



ओटमील-ब्लूबेरी प्रोटीन शेक
इसके लिए आधा कप ब्लूबेरी, 1-1 टेबलस्पून शहद और सब्ज़ा, 2 टेबलस्पून ओटमील, 1 कप दूध को मिलाकर ब्लेंड कर लें।

ध्यान दें इन बातों पर
1. वजन बहुत ज्यादा है तो प्रोटीन शेक लेने से पहले डायटीशियन से जरूर पूछ लें।

2. लीवर से जुड़ी कोई प्रॉब्लम है, तो प्रोटीन शेक पीना अवॉयड करें।

3. वेट लॉस करने के लिए प्रोटीन शेक पी रहे हैं, तो दिन में 1 ग्लास काफी है।

कब पीना चाहिए प्रोटीन शेक?
प्रोटीन शेक से बॉडी को एनर्जी(Energy) मिलती है। इसलिए वर्क आउट के कम से कम 30-45 मिनट बाद इसे पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन वर्कआउट (Workout) से आधे घंटे पहले भी पीने पर कोई नुकसान नहीं होता। स्टेमिना बूस्ट होती है इससे।

नोट– उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्‍य सूचना उद्देश्‍य के लिए है इन्‍हें किसी चिकित्‍सक के रूप में न समझें। हम इसकी सत्‍यता की जांच का दावा नही करतें कोई भी सवाल या परेशानी हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें ।

Share:

Next Post

अस्थमा को कंट्रोल करनें में मददगार हो सकतें हैं ये आर्युवेदिक उपाय

Thu May 6 , 2021
कोरोना काल में इम्यूनिटी (Immunity) बढ़ाने के लिए लोग योग, एक्सरसाइज़ और बैलेंस डाइट के साथ ही कई तरह के प्राचीन आयुर्वेदिक उपचारों का भी सहारा ले रहे हैं। आपको बता दें अस्थमा एक आम, पुरानी बीमारी है जिसमें ब्रोन्कियल (Bronchial) सूजन शामिल है। अस्थमा (Asthma) बहुत ज्यादा वायु संवेदनशीलता के लक्षणों को प्रदर्शित करता […]