इंदौर न्यूज़ (Indore News)

साइलेंट किलर बीमारी, 5 करोड़ मरीज भारत में


आज है अंतरराष्ट्रीय हेपेटाइटिस दिवस
इन्दौर। टीबी के बाद हेपेटाइटिस दुनिया की दूसरी सबसे घातक बीमारी मानी जाती है। 96 प्रतिशत मृत्युदर के साथ, हेपेटाइटिस बी और सी की बीमारी विश्व के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इसके 80 प्रतिशत मरीजों को पता ही नहीं है कि वे इस बीमारी से ग्रस्त हैं।

चूंकि, शुरुआती चरणों में इसके कोई लक्षण नहीं नजर आते हैं, यह बीमारी अंदर ही अंदर गंभीर होती जाती है। इसलिए इसे साइलेंट किलर के नाम से इसे जाना जाता है। दुर्भाग्य से यह बीमारी एक से दूसरे में फैलती है और इलाज में देरी से परिणाम भी बेहतर नहीं मिलते हैं। हेपेटाइटिस भारत में सिरोसिस का दूसरा सबसे बड़ा कारण है यह भारत में लिवर कैंसर का मुख्य कारण बना हुआ है क्योंकि लिवर कैंसर के 40 प्रतिशत से अधिक मरीज हेपेटाइटिस से संबंधित हैं। डब्ल्युएचओ द्वारा साझा किए गए हालिया आंकड़ों के अनुसार विश्व में 29 करोड़ से भी ज्यादा लोग हेपेटाइटिस की बीमारी से ग्रस्त हैं। जागरुकता में कमी के कारण लोग जांच को महत्व नहीं देते हैं। जिसके कारण ऐसे मरीज अपनी जान गंवा बैठते हैं। लगभग 5 करोड़ भारतीय हेपेटाइटिस से ग्रस्त हैं और 1.2 करोड़ भारतीयों में हेपेटाइटिस की पहचान हुई है।
इसलिए
मनाया जाता है हेपेटाइटिस डे
विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर लोगों को समय पर बीमारी की पहचान और इलाज के महत्व और उपलब्ध इलाजों के बारे में जागरुक किया जाता है। हर साल 28 जुलाई को विश्व हैपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन डॉ. बरूत ब्लूमबर्ग का जन्मदिवस होता है। इन्होंने ही हैपेटाइटिस की खोज की थी और इसके इलाज के लिए दवाई भी बनाई थी।

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