इंदौर न्यूज़ (Indore News)

शहर में रेस्टोरेंट से भी बंद होंगी धुआं उड़ाने वाली भट्ठियां

जहरीला धुआं फैलाने वाले लोडिंग वाहन शहर से हटेंगे… ई-लोडिंग दौड़ेंगे
इंदौर।  प्रदूषण (pollution) फैलाने वाले लोडिंग रिक्शाओं (loading rickshaws) के साथ-साथ अब होटलों (hotels), ढाबों और रेस्टारेंट ( restaurants) में धुआ उड़ाने वाली भट्टियों (furnaces) को भी बंद किया जाएगा। निगम के अधिकारियों ने मैदानी अमले से कहा है कि वे उनके क्षेत्र में जाकर देखें और भट्टी बंद करने की समझाइश भी दें। इसके बाद होटलों में ऐसी भट्टियां (furnaces) बंद करने की समझाइश दी जा रही है, ताकि धुए से पर्यावरण प्रदूषित न हो।
शहर में ऐसे कई वाहन सडक़ों पर दौड़ रहे हैं जो धुआ फैलाकर पर्यावरण (environment)  को प्रदूषित कर रहे हैं। इनमें लोडिंग ऑटो (loading auto) की संख्या अधिक है। कई सालों से यातायात पुलिस ( traffic police) और न ही परिवहन विभाग (transport department) ने इनके खिलाफ अभियान चलाया है, लेकिन अब नगर निगम (Municipal Corporation)  शहर से प्रदूषण (pollution) फैलाने वाले लोडिंग रिक्शा को बाहर कर रही है। इनके मालिकों को नगर निगम (Municipal Corporation) की ओर से ई-रिक्शा (e-rickshaw) के लिए लोन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही अब नगर निगम (Municipal Corporation) ने उन होटलों, जहां कोयले और लकड़ी का उपयोग किया जा रहा है, उन होटल संचालकों को समझाइश देना शुरू कर दिया है। निगम के अधिकारियों ने मैदानी अमले, जिसमें सीएसआई और स्वास्थ्य विभाग (health department) की गाडिय़ां शाामिल हैं, उनसे कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र की होटलों, जहां भट्टियों पर खाना बनता है, उन्हें बंद करवाएं और लगातार उन पर निगरानी रखें। इसके बाद अमले के लोग होटलों और ढाबों पर जाकर समझाइश दे रहे हैं कि वे अपने यहां से लकड़ी और कोयले की भट्टियां बंद कर दें।


तो क्या तंदूर बंद हो जाएंगे?
वायु प्रदूषण (air pollution) को दूर करने के लिए ये कवायद की जा रही है। इसमें सवाल उठता है कि जिन होटलों में तंदूर चलते हैं क्या उन्हें भी बंद करा दिया जाएगा? इसके साथ ही शादी-ब्याह में भी तंदूर बड़ी संख्या में लगते हैं और उसमें भी लकड़ी तथा कोयले का उपयोग होता है। रूमाली रोटियां भी भट्टियों पर सेंकी जाती है। यही नहीं इस बार निगम द्वारा अपने अलाव भी बंद कर दिए गए हंै तो क्या आम लोगों को भी अलाव नहीं जलाने दिए जाएंगे?


धुआं होगा धुआं-धुआं

शहर के हजारों लोडिंग चालकों को अब निगम ई-लोडिंग रिक्शा (e-loading rickshaw) के फायदे बता रहे हैं और उन्हें शहर में वायु प्रदूषण सुधारने के लिए ऐसे वाहन चलाने का आग्रह कर रहा हैं। इसी को लेकर आज शहरभर के लोडिंग चालकों की बैठक बुलाई गई है और साथ ही निगम कई स्थानों पर वाहनों के लिए फ्री चार्जिंग स्टेशन (free charging station) बनाने की तैयारी में है।
शहर के चंपाबाग, रानीपुरा, जूनी इन्दौर, जबरन कालोनी, कलालकुई, नार्थतोड़ा, साउथतोड़ा, मोतीतबेला, लोहा मंडी, हाथीपाला से लेकर मध्य क्षेत्र के कई इलाकों में बड़ी संख्या में सामान परिवहन के लिए लोडिंग रिक्शाओं (loading rickshaws) की भीड़ रहती है। इन लोडिंग रिक्शाओं से अत्यधिक प्रदूषण फैलने की बातें सामने आ रही हैं। इनमें कई वाहन तो घासलेट से दौड़ाने के आरोप में यातायात पुलिस और आरटीओ द्वारा जब्त किए गए हैं, वहीं कई आटो रिक्शाएं भी घासलेट से संचालित होती हैं। अब नगर निगम ऐसे वाहनों को शहर से हटाने के लिए पहले दौर में लोडिंग मालिकों की मदद ले रहा है, ताकि ऐसे वाहन शहर से हटाये जा सके।

आज दूसरे दौर की बातचीत के लिए फिर बुलाया
आज दोपहर बाद शहर के सभी लोडिंग रिक्शा यूनियन के पदाधिकारियों के साथ-साथ लोडिंग मालिकों को नगर निगम के अधिकारियों ने बैठक में बुलाया है। इसमें ई-लोडिंग रिक्शा के फायदे बताने के साथ-साथ निगम की ओर से यथासंभव मदद का आश्वासन दिया जा रहा है। बैंकों से ई रिक्शा के लिए लोन की भी जानकारी दी जाएगी।

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