इंदौर। जीवन पर मौत (Death) भारी पडऩे लगी… हर दिन खुशी-खुशी खुदकुशी(happily commit suicide) करने वालों की तादाद इस कदर बढऩे लगी कि कोई जहर खाकर जान दे रहा है तो कोई फांसी (Execute) का फंदा लगाकर जान गंवा रहा है। दरअसल लॉकडाउन (lockdown) के बाद से आर्थिक स्थिति और पारिवारिक विवादों के चलते लोग मानसिक अवसाद से गुजर रहे हैं और इस कारण जान देकर मुसीबतों से पीछा छुड़ाने की कवायदें बढ़ रही हैं।
विजय नगर (Vijay Nagar) क्षेत्र में कैलाश नामक शख्स ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसे पुलिस ने फंदे से उतारकर एमवाय अस्पताल (MY Hospital) पहुंचाया। उसने फांसी क्यों लगाई यह साफ नहीं हो पाया। वह मूल रूप से खंडवा (Khandva) जिले के हरसूद का निवासी था। उधर किशनगंज पुलिस (Police) ने बताया कि हरसोला की रहने वाली 16 साल की कोमल ने भी जहर खा लिया। इसी तरह देवास (Dewas) नाका की रहने वाली शिवानी नामक युवती (Feamale) को जहर खाने पर पहले निजी और बाद में एमवाय अस्पताल (MY Hospital) लाया गया। परिजन का कहना है कि वह राजाराम के ढाबे पर काम करती थी। कल काम से लौटी और खाना खाने लगी तो उसे उल्टियां होना शुरू हुईं। अस्पताल लेकर पहुंचे तो पता चला कि उसने सल्फास की गोलियां खा ली थीं। जहर खाने के कारण का पता लगाया जा रहा है।
सुसाइड नोट लिखकर जान दी, जिम्मेदार पर केस
सुसाइड नोट (Suicide Note) लिखकर आत्महत्या करने वाली एक महिला की मौत के मामले में पुलिस (Police) ने जिम्मेदार पर केस दर्ज कर लिया है। बाणगंगा पुलिस ने बताया कि बीते दिनों मंदा पति अशोक जावड़े निवासी गोविंद कॉलोनी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने मामले की जांच की तो साफ हुआ कि सुनील जावले निवासी गोविंद नगर उसे प्रताडि़त करता था। मकान की रजिस्ट्री और रुपयों के लेन-देन को लेकर उसके साथ मंदाबाई का विवाद चल रहा था। मंदाबाई ने एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें सुनील द्वारा प्रताडि़त करने की बात का जिक्र था। सुनील पर मंदाबाई को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है।
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