खरी-खरी

जो मुल्क का नहीं हुआ…वो कौम का कैसे हो पाएगा… जिनका पूरा हिन्दुस्तान है… वो खालिस्तान में कैसे सिमट जाएगा…

जिनका है पूरा हिन्दुस्तान… वो मांग रहे हैं खालिस्तान… एक बार फिर बहके हुए लोग सिर उठा रहे हैं… शांति की बयार में हिंसा, अलगाव और नफरत की चिंगारी लगा रहे हैं… उस कौम को भडक़ा बहला-फुसला रहे हैं जिस कौम ने इस देश की आजादी में भगतसिंह बनकर अंग्रेजों से मुकाबला किया… पंच प्यारों […]