ब्‍लॉगर

प्रतीक्षाः अंतरमन का उत्सव

– हृदयनारायण दीक्षित प्रतीक्षा अस्तित्व पर विश्वास है। आस्तिक की श्रद्धा है प्रतीक्षा। प्रतीक्षा का परिणाम स्वयं सिद्ध है। शुभ की प्रतीक्षा करना मानव-स्वभाव है। वर्तमान परिस्थिति से प्रायः सभी पीड़ित-व्यथित रहते हैं। ऐसी परिस्थिति में भविष्य का आलम्बन सहायक होता है। प्रगाढ़ प्रतीक्षा में सुखद भविष्य की आश्वस्ति होती है। अच्छे दिन आने की […]