भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

मम्मी-पापा को अवार्ड फंक्शन में पा कर बह निकले ऐश्वर्या की आँखों से आंसू

बेटियां सब के नसीब में कहां होती हैं
घर ख़ुदा को जो पसंद हो वहां होती हैं।

जऱा तसव्वुर कीजिये…थोड़ा सा उस तारीख़ी मंजऱ को अपने भीतर समो भर लीजिये…। मेरा दावा है आपकी आंखों से आंसूं न बहने लगे तो कहिएगा। भोपाल की बिटिया और कई मशहूर टीवी सीरियलों में लीड रोल कर रही ऐश्वर्या खरे ने इन आठ सालों में टीवी सीरियल्स की दुनिया मे उस मुकाम को छू लिया है जहां तक पहुंचने का ख्वाब हर कलाकार का होता है। तो…मैं जि़कर कर रहा था उन यादगार लम्हों का जब ऐश्वर्या ने अपने शहर के साथ ही पूरे खरे ख़ानदान का नाम रोशन कर दिया। पिछले दिनों मुम्बई की फि़ल्म सिटी के प्राइम स्टूडियो में ज़ी-रिश्ते अवार्ड का पिरोगराम मुनक़्क़ीद हुआ। एकता कपूर के भाग्य लक्ष्मी सीरियल को 10 अवार्ड मिले। इनमे से 3 अवार्ड ऐश्वर्या खरे ने जीते। उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस, बेस्ट बहु और बेस्ट भाभी के अवार्ड से नवाज़ा जा रहा था। रंग बिरंगी रोशनी की चकाचोंध, माहौल में गूंजता संगीत। सामने बैठे टीवी की दुनिया के तमाम कलाकर। अवार्ड फंक्शन को कवर करते कैमरे और तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच तीन तीन अवार्ड पा रही ऐश्वर्या खरे के दिल मे कहीँ न कहीं ये बात खटक रही थी कि काश उसके मम्मी-पापा इस मौके पर होते। इसी बीच एंकर जय भानुशाली ?श्वर्या से पूछते हैं- तो क्या होगा…क्या होगा। और ये क्या…भोपाल की इस बेटी की नजऱ स्टेज की दूसरी तरफ़ पड़ती है। वो जैसे ख़्वाब देख रही हो। सामने उसके वालिद रवि खरे और वालिदा शुभ्रा खरे के साथ बहन चीनी, चाचा-चाची, मामा-मामी और नानी साहेबा नमूदार हो रहे हैं। बिटिया अपने जज़्बात को काबू नहीं रख पाती और ज़मीन पे बैठ जाती है। उधर सधे हुए क़दमो से अपनी होनहार बिटिया की इस कामयाबी से जज़्बातों के समंदर में डूबते उतराते रवि और शुभ्रा की आंखों से खुशी के आंसुओं की धारा ही बह निकलती है।

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बेटी की आँखों मे भी आंसुओं का गुबार है। पिता बेटी को गले लगा लेते हैं। पूरा स्टूडियो तालियों से गूंज उठता है। कैमरे खामोश रफ्तार से इस पल को कैद करते है। भोपाल जैसे छोटे शहर से मुंबई जैसी माया नगरी में इतने सारे कलाकारों के बीच एक साथ तीन अवार्ड जीतकर उनका सर गर्व से ऊंचा कर दिया। शुभ्रा इस पूरे भव्य और दिव्य मायालोक में बेटी की इस नायाब कामयाबी से सुधबुध खो बैठी हों जैसे। उनके हावभाव और पुरनम आंखों ने वो सब कह दिया जो वो ज़ुबान से कहना चाहती थीं। दरअस्ल ज़ी-रिश्ते अवार्ड के आयोजकों ने इस मिलन को राज़दाराना रखा। खरे परिवार से कहा गया कि आपको अपनी बेटी को ये नहीं बताना है कि आप लोग भी अवार्ड फंक्शन में आ रहे हैं। उधर ऐश्वर्या से कहा गया कि यहां पेरेंट्स या और किसी को आने की इजाज़त नहीं है। लेकिन जब बेटी के सामने अपने माता-पिता, बहन और कई रिश्तेदार आ गए तो उस जज़बाती अहसास को लफ्ज़़ों में बयां नहीं किया जा सकता। सब कुछ जैसे किसी हसीन ख्वाब के पूरा होने जैसा था। रवि खरे भोपाल के सीनियर सहाफी (पत्रकार) के अलावा जानेमाने भजन गायक हैं। रुंधे गले और बहते आंसुओ के साथ उन्होंने कहा कि एक पिता के लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है। मेरी बेटी ने आज हम सब को जो इज़्ज़त बक्शी है उसके लिए लफ्ज़ नहीं हैं। मालूम हो कि ऐश्वर्या ज़ी- टीवी के एकता कपूर के सीरियल भाग्य लक्ष्मी में लीड रोल कर रही हैं। इसके पहले भोपाल की इस बेटी ने ज़ी-टीवी के शो विषकन्या, स्टार भारत के शो साम दाम दंड भेद, दूरदर्शन के ये शादी है या सौदा और बेटा भाग्य से बेटी सौभाग्य से सीरियलों में लीड रोल किये हैं। बहुत मुबारक हो। ये अवार्ड फंक्शन कल 9 अक्टूबर को शाम 7 बजे ज़ी टीवी पर देखा जा सकता है।

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