नई दिल्ली। राजस्थान(Rajasthan) के उदयपुर में हुए कन्हैया लाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. बताया गया है कि कन्हैया लाल की हत्या में इस्तेमाल खंजर उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के कानपुर से आए थे. उदयपुर की एसके इंजीनियरिंग नाम की फैक्ट्री में इन हथियारों को धार दी गयी थी. इन हथियारों (weapons) की तस्वीर एक व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर की गई, जिसमें पाकिस्तान के कुछ नंबर जुड़े हुए थे. इस खुलासे के बाद हत्यारों के पाकिस्तान (Pakistan) कनेक्शन वाली बात और पुख्ता हो जाती है.
स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे 40 लोग
बता दें कि कानपुर (Kanpur) में ही दावत-ए-इस्लामिया नामक पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठन का हेडक्वार्टर है. अभी तक की तफ्तीश में गोस मोहम्मद को कन्हैया लाल (Kanhaiya Lal) की हत्या की साजिश का सूत्रधार माना गया है, जिसे रियाज़ और अन्य लोगों की मदद से अंजाम दिया गया. जांच एजेंसियों के पास करीब 40 लोगों की डिटेल मौजूद हैं, ये सभी गोस मोहम्मद और रियाज़ के इशारे पर स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे.
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी
ये सभी 40 लोग उदयपुर और उसके आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं. आरोपियों की धरपकड़ के लिए उनके संभावित ठिकानों पर जांच एजेंसियां रेड कर रही हैं. ज्यादातर आरोपी उदयपुर के पास सिलावटवाड़ी, खांजीपीर और सवीना के रहने वाले हैं. ये सभी गोस और रियाज़ के व्हाट्सएप के जरिये संपर्क में आए थे. रियाज़ और गोस मोहम्मद के मोबाइल से पाकिस्तानी मौलानाओं के जहरीले और भड़काऊ भाषण वाले सैकड़ों वीडियो क्लिप भी मिले हैं. इसमें कुछ वीडियो में लॉन वुल्फ अटैक और आतंकी हमलों के तरीकों की जानकारी भी दी गयी थी.