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100 साल बाद सही पते पर पहुंची चिट्ठी, लिफाफा खोलने पर लोगो के उड़े होश

डेस्क। कुछ साल पहले तक लोग संदेश को एक दूसरे तक पहुंचाने के लिए पत्र का इस्तेमाल करते थे। वर्तमान समय में लोग अपने संदेश को एक दूसरे तक पहुंचाने के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। चिट्ठी पर कई गाने और शायरियां भी लिखी गई हैं। बीते समय में लोगों को अपने पत्र का बेसब्री से इंतजार रहता था। कभी-कभी पत्र पहुंचने में समय लग जाता था, तो लोग परेशान हो जाते थे और डाकिया का इंतजार करते रहते थे।

अब इन दिनों एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने लोगों को पुराने जमाने के पत्र की याद दिला दी है। दरअसल लंदन में एक शख्स के घर एक चिट्ठी पहुंची, लेकिन उसे इस पत्र को देखकर खुशी नहीं हुई, बल्कि हैरान हुई है। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि पत्र 100 साल पुराना है और एक सदी के बाद सही पते पर पहुंचा।

अब आप सोचिए व्हाट्सएप और एसएमएस के जमाने में आपके घर 100 साल पुराना लेटर पहुंचेगा, तो आप क्या सोचेंगे? लंदन में रहने वाले शख्स के घर जब 100 साल पुराना पत्र पहुंचा, तो वह भी हैरान रह गया। साल 1916 में इस पत्र को लिखा गया था, जो अब अपने सही पते पर पहुंच पाया। इस पत्र को इंग्लैंड के बाथ शहर से लिखा गया था और उस पते पर रहने वाले लोग हैरान रह गए।


इस पत्र पर पेनी जॉर्ज वी का स्टैंप लगा हुआ है जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह पत्र पहले विश्व युद्ध के दौरान लिखा गया था। थियेटर डायरेक्टर फिन्ले ग्लेन (Finlay Glen) ने एक मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने सोचा कि इस पत्र को साल 2016 में लिखा गया होगा, क्योंकि उस पर सिर्फ साल 16 लिखा है, लेकिन जब गौर से देखा तो क्वीन की जगह किंग का स्टैंप लगा था। इससे वह समझ गए कि यह साल 1916 का पत्र है।

यह पत्र कुछ साल पहले अपने पते पर पहुंचा था, लेकिन इसके इतिहास को जानने में फिन्ले ग्लेन को समय लग गया। इसके बाद अब उन्होंने लोकल हिस्ट्री ऑर्गेनाइजेशन को यह पत्र सौंप दिया है जिससे इससे आगे की जानकारी का पता लगाया जा सके।

जानिए क्या है पत्र का इतिहास
ग्लेन ने लोकल हिस्ट्री मैग्जीन, द नॉरवुड रिव्यू के संपादक स्टीफन ऑक्सफोर्ड को यह चिट्ठी दिखाई। उन्होंने बताया कि यह पत्र किसी केटी मार्श नाम की महिला को लिखी गई थी। महिला की शादी अपने जमाने के प्रसिद्ध स्टांप डीलर ऑस्वल्ड मार्श के साथ हुई थी। मार्श की दोस्त क्रिस्टाबेल मेनेल ने यह पत्र उनको लिखा था। इस पत्र में उन्होंने शर्मिंदा होने की बात कही है।

इसके साथ ही उन्होंने भयानक ठंड की बात भी बताई है जहां वह रहती थीं। मेनल एक अमीर चाय के व्यापारी की बेटी थीं। ऑक्सफोर्ड के मुताबिक, उस समय यह पत्र किसी पोस्ट ऑफिस में खो गया होगा और अब यह नवीनीकरण के दौरान मिला और उन्होंने इसे सही पते पर भेज दिया।

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