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मप्र में लगातार चौथे दिन भी जारी रहा बारिश का दौर, किसानों के अरमानों पर फिरा पानी

– भोपाल में देररात तक गिरा पानी, कई जिलों में ओले गिरे, फसलों को हुआ भारी नुकसान

भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते चार दिन से मौसम का मिजाज बिगड़ा (bad weather) हुआ है। यहां बेमौसम बारिश (unseasonal rain) का दौर चौथे दिन भी जारी रहा। रविवार को सागर, खंडवा और खरगोन में दोपहर तीन बजे अचानक मौसम बदला और बारिश होने लगी। भोपाल में शाम को तेज हवा के साथ बारिश शुरू हुई और देररात तक पानी बरसता रहा। खरगोन, डिंडौरी, आगरमालवा और श्योपुर जिलों में तेज बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि (heavy hail) हुई। बेमौसम की इस बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी (Water on the wishes of farmers) फेर दिया। बीते चार दिनों से हो रही वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों को बड़े पैमान पर नुकसान हुआ है। प्रदेश सरकार ने फसलों के नुकसान का सर्वे कराने का निर्देश दिया है। सर्वे शुरू भी हो गया है लेकिन अभी कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित है।


मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के अधिकतर जिलों में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मंडला में 36, खजुराहो में 13, दमोह में नौ, खरगोन में नौ, खंडवा में चार, सतना में दो, उमरिया में दो, उज्जैन में एक, छिंदवाड़ा में एक मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो अभी दो-तीन दिन तक बादल बने रहेंगे लेकिन सोमवार से वर्षा की गतिविधियों में धीरे-धीरे कमी आने के आसार हैं। मंगलवार से बेमौसम बारिश से कुछ राहत मिलने लगेगी। साथ ही अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी।

भोपाल में रविवार को दिनभर बादल छाए रहने के बाद शाम 6 बजे अचानक बारिश शुरू हुई, जो देर रात तक जारी रही। वहीं, डिंडौरी जिले के करंजिया और बजाग ब्लॉक में अचानक आंधी-तूफान के साथ बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई। सड़क से लेकर खेत तक ओले से पटा नजर आया। किसानों ने बताया कि कर्ज लेकर खेती की थी। चने की फसल पकी हुई है। कटाई करने ही वाले थे। ऐसे ही बारिश होती रही तो फसलें बर्बाद हो जाएगी। श्योपुर जिले की बीरपुर तहसील में भी शाम को हल्की बारिश के साथ बेर के आकार के ओले गिरे। खेतों में खड़ी गेहूं और चने की फसलें बर्बाद हो गई। श्यामपुर कस्बे के आसपास के खेतों में सबसे ज्यादा नुकसान देखने को मिला। यहां 15 मिनट तक ओलावृष्टि हुई। बुंदेलखंड के केदारनाथ कहे जाने वाले श्री जटाशंकर धाम में रविवार शाम को एक घंटे से ज्यादा बारिश हुई। कटनी में 10 मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरे।

वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में पश्चिमी मध्य प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में भी चक्रवात बना हुआ है। साथ ही इस चक्रवात से लेकर छत्तीसगढ़, ओडिशा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से मध्य प्रदेश के सभी संभागों के जिलों में बारिश हो रही है।

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रदेश के 25 जिलों में गेहूं और चना की फसलों को नुकसान पहुंचा है। कई स्थानों पर खेतों में फसल कटने की स्थिति में है तो कई जगह कट चुकी है। दोनों ही स्थिति में फसलों को नुकसान पहुंचा है। सरकार ने कलेक्टरों को सर्वे करके किसानों को राजस्व परिपत्र पुस्तक के प्रावधान अनुसार आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उधर, कांग्रेस ने सर्वे कराने के स्थान पर किसानों को सीधे आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग सरकार से की है।

प्रदेश के मंडला, डिंडौरी, छतरपुर, दमोह, खंडवा, खरगोन, उमरिया, उज्जैन, छिंदवाड़ा, बालाघाट, भोपाल, बैतूल, गुना, रतलाम, सागर, उज्जैन, नर्मदापुरम, सिवनी, रायसेन, इंदौर, नरसिंहपुर सहित अन्य जिलों में वर्षा और ओलावृष्टि से फसलें प्रभावित हुई हैं। भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी जल्दी सर्वे कर मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। फसल देखकर किसानों की आंखों में आंसू हैं।

खंडवा जिले में जिले में करीब 800 एकड़ में तरबूज और 200 एकड़ में प्याज की फसल नष्ट होने का अनुमान लगाया जा रहा है। राजस्व और उद्यानिकी विभाग की टीम खेतों में सर्वे कर नष्ट फसलों का आकलन करने में जुट गई है। कृषि उपसंचालक केसी वास्केल ने बताया कि जिले में 20 फीसद किसान ऐसे हैं जिन्होंने मौसम को देखते हुए फसल नहीं काटी है। काटकर रखी गई गेहूं की फसल यदि भीगी है तो गेहूं की चमक फीकी पड़ने का अंदेशा रहेगा। बुरहानपुर में सैकड़ों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई है। रविवार सुबह खेतों में पहुंचे किसानों की आंखों से आंसू निकल आए। दल सोमवार से गांवों में जाकर फसलों की स्थिति देखेगा।

किसानों की मेहनत पर पानी फिरा
खरगोन जिले में भी आंधी, बारिश और ओलों ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। बड़वानी जिले में रविवार दोपहर पहाड़ी क्षेत्र में आंधी चली। गांव सेमलेट में आकाशीय बिजली गिरने से तीन गोवंशी की मौत हो गई। मंदसौर के नगरी, कचनारा व लसूड़िया इला में किसान रविवार को बची-कुची फसलों को समेटते रहे। जिला प्रशासन फिलहाल नजरी सर्वे करा रहा है। झाबुआ में कृषि उपसंचालक नगीन रावत का कहना है कि फिलहाल सर्वे को लेकर कोई आदेश नहीं मिले हैं। महाकोशल-विंध्य और बुंदेलखंड के कई जिलों में रविवार को भारी ओलावृष्टि हुई। कटनी, डिंडौरी, शहडोल, सीधी, पन्ना, दमोह और उमरिया में ओलावृष्टि से फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। बालाघाट, उमरिया, जबलपुर समेत अन्य जिलों में बादल छाए रहे और कई जिलों में रिमझिम वर्षा हुई। (एजेंसी, हि.स.)

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