इन्दौर। कोरोना संक्रमण (Corona transition) का लंबा समय बीतने के बाद अब शैक्षणिक गतिविधियां (academic activities) पूरी तरह सामान्य हो रही हैं। स्कूल -कॉलेजों (school-colleges) में चहल-पहल बढ़ गई है, लेकिन आधे से ज्यादा शैक्षणिक सत्र (academic session) बीतने के बाद स्कूल-कॉलेज (school-colleges) खुले हैं। अब ऑनलाइन (online) के बजाय कक्षाओं में ऑफलाइन पढ़ाई (offline studies) शुरू हो रही है। यूनिवर्सिटी ( universities) के सामने समय पर परीक्षाएं (examinations) कराने की सबसे बड़ी चुनौती उभर कर आई है।
दिसंबर (December) में कॉलेज में पढऩे वाले छात्रों की सेमेस्टर परीक्षाएं (semester examinations) शुरू हो रही हैं। उच्च शिक्षा विभाग (higher education department) की ओर से पीजी के छात्रों के लिए 15 दिसंबर के बाद परीक्षाओं की तारीख तय करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं। कोरोना काल में लगे प्रतिबंध हटाने के बाद अब पहले की तरह कॉलेजों में कक्षाएं लगाई जा रही हंै। दरअसल परीक्षा से पहले परीक्षा फॉर्म भरना और उसकी तैयारी करने के लिए कॉलेज और स्टाफ को 3 सप्ताह का समय चाहिए, लेकिन कॉलेजों में कक्षाएं शुरू होने और समय पर परीक्षा कराना अब चुनौती भरा रहेगा। ज्यादातर प्रोफ़ेसर परीक्षा फॉर्म जमा करने और उन्हें जांचने में व्यस्त रहेंगे। ऐसे में कक्षाओं में छात्रों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। कुल मिलाकर कॉलेजों में कक्षाएं तो शुरू हो गई हैं, लेकिन आगामी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। प्रोफेसर और कॉलेज स्टाफ को खानापूर्ति करना होगी। जल्द ही एम ए, एम काम, एमएससी के परीक्षा फॉर्म जमा होना शुरू हो जाएंगे, जो कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक जमा किए जा सकेंगे। इसके बाद यूनिवर्सिटी (universities) की ओर दिसंबर के तीसरे सप्ताह में परीक्षाएं कराई जाना हैं। इसका टाइम टेबल भी दिसंबर के पहले सप्ताह मे ही आ जाएगा।
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