जीवनशैली

शरीर में ये बदलाव बतातें हैं Vitamin B12 की कमी, इन लक्षणों को न करें इग्‍नोर

विटामिन शरीर को स्वस्थ बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. मेटाबॉलिज्म से लेकर डीएनए सिंथेसिस और रेड ब्लड सेल्स के गठन में विटामिन बी12 की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा, नर्वस सिस्टम को हेल्दी बनाएं रखने के लिए भी विटामिन बी12 जरूरी होता है. इस विटामिन की कमी के कारण शरीर में कई तरह के लक्षण और विकार दिखने लगते हैं.

बढ़ती उम्र के साथ या पोषक तत्वों (nutrients) की कमी के कारण या acquired autoimmune स्थिति की वजह से या फिर पेट की सर्जरी के कारण विटामिन बी 12 की कमी हो सकती है. इस कमी को पूरा करने के लिए विटामिन बी12 के सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं. इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले विटामिन बी 12 की कमी के लक्षणों को पहचानना है. एक्सपर्ट के अनुसार, इसके 4 प्रकार के मुख्य लक्षण होते हैं. इनमें स्किन हाइपरपिग्मेंटेशन, विटिलिगो, एंगुलर चीलाइटिस और बालों में बदलाव शामिल हैं.

डिप्रेशन
विटामिन बी 12 की कमी के कारण अन्य लक्षण है. त्वचा का रंग हल्का पीला पड़ना, जीभ का रंग पीला या लाल (ग्लोसाइटिस), मुंह में छालें, त्वचा में सुई चुबना या सनसनी होना (पेरेस्टेसिया), चलने और घूमने के तरीके में बदलाव, धुंधली दृष्टि, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीके में बदलाव, मानसिक (mental) क्षमताओं में गिरावट, जैसे स्मृति, समझ और निर्णय लेने में असमर्थ होना.



हाइपरपिग्मेंटेशन
अमेरिकन (American) ऑस्टियोपैथिक कॉलेज ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, हाइपरपिग्मेंटेशन वो स्थिति है जब स्किन पर दाग-धब्बे, पैच या शरीर की दूसरी स्किन से रंग गहरा हो जाता है. ये डार्क पैच चेहरे के अलावा शरीर के किसी भी हिस्से पर दिखाई दे सकते हैं. ऐसा तब होता है जब स्किन ज्यादा मात्रा में मेलानिन नामक पिंग्मेंट (जिससे स्किन को उसका रंग प्राप्त होता है) का उत्पादन करने लगती है.

बढ़ती उम्र
बढ़ती उम्र के लोगों में या ज्यादा धूप में रहने वालों में एज स्पॉट्स या लिवर स्पॉट्स (solar lentigines) भूरे, काले रंग के धब्बे शरीर के किसी भी हिस्से पर देखे जा सकते हें. ये धब्बे हाथ, चेहरे और पैरों की त्वचा पर हो सकते हैं. खास बात ये है कि हाइपरपिग्मेंटेशन (hyperpigmentation) के पैच धूप में और भी गहरे हो जाते हैं.

सूर्य की किरणों
एक्सपर्ट के अनुसार, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सूर्य की यूवी किरणों से अपनी रक्षा करने के लिए त्वचा मेलानिन का ज्यादा मात्रा में उत्पादन करने लगती है. इसलिए अगर त्वचा का रंग हल्का होने पर डार्क पैच या दाग-धब्बे दिखने लगते हैं.

सफेद दाग
विटिलिगो को सफेद दाग (White spot) भी कहा जाता है. ये हाइपरपिग्मेंटेशन के विपरीत है क्योंकि विटिलिगो में मेलेनिन की कमी हो जाती है जो सफेद पैच का कारण बनता है. इस स्थिति को विटिलिगो कहते हैं. यह आमतौर पर शरीर के उन हिस्सों जो कि सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आते हैं, चेहरे, गर्दन और हाथ के हिस्से इससे ज्यादा प्रभावित होते है.

एंगुलर चेलाइटिस
ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें मुंह के कोनों पर लालिमा और सूजन आ जाती है. एक्सपर्ट के अनुसार, एंगुलर चेलाइटिस के लक्षणों में लालिमा और सूजन के अलावा दरारों में दर्द होना, क्रस्टिंग, ओजिंग और खून निकलने की समस्या भी शामिल हैं.

बालों का झड़ना
बालों के विकास के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 12 का होना आवश्यक है. इसकी कमी के कारण बाल झड़ने लगते हैं. हालांकि, हाइपरपिग्मेंटेशन, विटिलिगो, एंगुलर चेलाइटिस और बालों के झड़ने के अलावा और भी लक्षण है जो विटामिन बी 12 की कमी के कारण हो सकते हैं.

दूध
विटामिन बी 12 ज्यादातर नॉन वेज (non veg) से प्राप्त होता है. फिश, अंडे, मीट, शेलफिश आदि से प्राप्त होता है. इसके अलावा, वेज में दूध, दही, पनीर या चीज के सेवन से भी पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 12 मिलता है .

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