गोरखपुर। युवक ने प्यार के लिए खुद को लड़की (Boy Change gender) बना लिया। लिंग परिवर्तन (gender change) कराने के बाद वह अब बोल रही है कि प्रेमी ने मुझे बर्बाद कर दिया। यहां पर दो दोस्तों में मोहब्बत हो गई। दोनों ने तय किया और एक युवक लिंग परिवर्तन (gender change) कराकर युवती बन (Make a girl)गई। दोनों साथ दिल्ली (Delhi) में पति-पत्नी की तरह रहने (started living as husband and wife) भी लगे। अब युवती गोरखपुर (Gorakhpur) आई है।
एसएसपी डॉ विपिन ताडा (SSP Dr Vipin Tada) के सामने पेश होकर बोली कि मोहब्बत के झांसे में फंसाकर प्रेमी ने उसके जिंदगी बर्बाद कर दी। एसएसपी के आदेश पर ही गोला पुलिस ने मानव अंग प्रत्यारोपण, अंग से छेड़छाड़ सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, गोला इलाके का रहने वाले एक युवक की गहरी दोस्ती साथ में ही पढ़ने वाले युवक से थी। दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। आपसी रजामंदी से दोनों ने तय किया कि एक अपना लिंग परिवर्तित करा ले और फिर पति-पत्नी की तरह साथ रहेंगे। इसके बाद ही एक युवक ने लिंग परिवर्तन कराया और युवती बन गई। इस प्रक्रिया में ऑपरेशन हुआ। हार्मोनल बदलाव कराए गए। करीब तीन महीने तक दोनों दिल्ली में साथ रहे।
हार्मोन परिवर्तन की प्रक्रिया के बाद युवक की आवाज भी पूरी तरह से बदल गई थी। लिंग परिवर्तन कराने वाली युवती का आरोप है कि अचानक युवक का मोह भंग हो गया है। सारे रिश्ते खत्म कर दिए हैं। छल करके लिंग परिवर्तन कराया गया है। इससे पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई है। एससपी ने पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद कानूनी सलाह भी ली है। कानूनी सलाह मिलने के बाद एसएसपी ने केस दर्ज करने का आदेश दे दिया। गोला पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
एसएसपी डॉ विपिन ताडा ने कहा कि लिंग परिवर्तन कराने की तहरीर मिली थी। तहरीर के आधार पर केस दर्ज करके पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सजा के साथ ही एक करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान
मानव अंग प्रत्यारोपण: दस साल की सजा व एक करोड़ रुपये की जुर्माना
धारा 320: यौन अंग को विच्छेद कर क्षति पहुंचाना (सजा दस साल)
धारा 326: खतरनाक तरीके से अंगों से छेड़छाड़ (सजा दस साल)
धारा 328: खतरनाक द्रव्य पिलाना (सजा दस साल व आर्थिक जुर्माना)
धारा 379: चोरी करके किसी को नुकसान पहुंचाना (सजा तीन साल)
धारा 406: छल करना (सजा तीन साल या आर्थिक दंड या दोनों)
धारा 506: धमकी देना (सजा दो साल या जुर्माना या दोनों)
नृशंसता निवारण की कई उपधाराएं भी लगाई गई हैं।