आज के समय में आजकल डायबिटीज एक आम समस्या हो गई है जो एक लाइलाज बीमारी है। एक बार लग जाने के बाद ज़िंदगीभर साथ रहती है। इसके लिए डायबिटीज (diabetes) के मरीजों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। लापरवाही बरतने पर कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो यह बीमारी रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने से होती है। अतः इस बीमारी में मुश्किल काम शुगर को कंट्रोल में रखना है। वहीं, अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone) निकलना बंद हो जाता है। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और शुगर कंट्रोल (sugar control) करना चाहते हैं, तो भुट्टे के रेशे का यूज कर सकते हैं। कई शोधों में दावा किया गया है कि भुट्टे के रेशे के सेवन से शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
रिसर्च गेटपर छपी एक लेख में कई शोधों का उल्लेख किया गया है। इन शोधों में दावा किया गया है कि भुट्टे के रेशे न केवल डायबिटीज, बल्कि कैंसर, उच्च रक्तचाप, कार्डियोवैस्कुलर रोग (सीवीडी) आदि रोगों में भी फायदेमंद साबित होते हैं। खासकर डायबिटीज के लिए भुट्टे के रेशे संजीवनी बूटी समान हैं। इसके सेवन से शुगर कंट्रोल में रहता है। भुट्टे के रेशे में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट(Carbohydrate) , विटामिन, मिनरल, वोलाटाइल ऑयल(volatile oil), स्टेरॉयड, फ्लेवोनॉइड और फेनोलिक कंपाउंड पाए जाते हैं, जो कई प्रकार की बीमारियों से बचाव में सहायक सिद्ध होते हैं।
कैसे करें सेवन
सामान्यतः भुट्टे को सेंककर सेवन किया जाता है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में मक्के की सत्तू खाई जाती है। खासकर पंजाब में मक्के की रोटी अधिक खाई जाती है। वहीं, डायबिटीज के मरीज भुट्टे के रेशे के पाउडर का सेवन कर सकते हैं। बाजार में भुट्टे के रेशे के चूर्ण उपलब्ध है। साथ ही आप घर पर भी भुट्टे के रेशे को सुखाकर पाउडर तैयार कर सकते हैं। इसके बाद रोजाना सुबह में एक चम्मच भुट्टे के रेशे के पाउडर को पानी या दूध के साथ सेवन कर सकते हैं। हालांकि, इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें। इस विषय पर अन्य शोध की जरूरत है।
नोट – उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशन डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें । कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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